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80,000 जिंदगियां बचाने वाली भारतीय सेनाओं को सलाम

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श्रीनगर। जम्‍मू कश्‍मीर की बाढ़ के बाद भारतीय सेनाएं देवदूत बनकर सामने आई हैं। अब तक बाढ़ में फंसे करीब 80,000 जिंदगियों को बचाया जा चुका है जिसमें सबसे बड़ा योगदान भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना का है। आपको बता दें हमारी सेनाएं अपने परिवारजनों की परवाह किए बिना निस्‍वार्थ भाव से राहत कार्य को अंजाम दे रही है।

आर्मी और एयरफोर्स दोनों की ओर से इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि जब तक बाढ़ में फंसे आखिरी व्‍यक्ति को बचा नहीं लिया जाता, रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन बंद नहीं होगा।

आगे की तस्‍वीरों में देखिए कैसे सेना अपनों की परवाह किए बिना रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में लगी हुई है।


बिना खाना पानी के सैनिकों के परिवार

बिना खाना पानी के सैनिकों के परिवार

कश्‍मीर के अलग-अलग जगहों पर जो राहत कैंप लगाए गए हैं, उनमें कई परिवार उन सैनिकों के हैं जो रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में लगे हैं। इन सैनिकों के परिवार वालों को खाना-पानी तक नहीं मिल पा रहा है।

पानी में डूबा बादामी बाग कैंट

पानी में डूबा बादामी बाग कैंट

श्रीनगर में बादामी बाग आर्मी कैंट एरिया पानी में डूब गया है। वहां पर रहने वाले सेना के अधिकारियों और उनके परिवारवालों को वहां से निकालकर राहत कैंपों में भिजवाया गया है।

बिजली पानी भी गायब

बिजली पानी भी गायब

कैंट इलाके में न तो पानी है और न ही बिजली साथ ही बाकी सभी जरूरी सर्विसेज भी बंद पड़ी हुई हैं। आर्मी ऑफिसर टेलीकॉम नेटवर्क को बहाल करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

आर्मी ऑफिसर परेशान

आर्मी ऑफिसर परेशान

एक आर्मी आफिसर ने बताया कि साउथ कश्‍मीर के साथ ही श्रीनगर के कई आर्मी कैंपों में पानी भरा हुआ है। आर्मी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

सेना का सबसे बड़ा अभियान

सेना का सबसे बड़ा अभियान

कश्‍मीर घाटी में सेना की ओर से चलाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन है जिसमें कई हजारों सैनिक शामिल हैं। जहां वायुसेना ने अपने 79 एयरक्राफ्ट्स को रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में उतार दिया है तो वहीं सेना ने भी और ट्रूप्‍स भेजे हैं।

सेना का ध्रुव हेलीकॉप्‍टर रेस्‍क्‍यू मिशन में तैनात

सेना का ध्रुव हेलीकॉप्‍टर रेस्‍क्‍यू मिशन में तैनात

भारतीय वायुसेना की ओर से इस रेस्‍क्‍यू मिशन में गजराज यानी आईएल-76, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 के साथ एमआई-17 को राहत कार्यों में लगाया हुआ है तो वहीं सेना ने भी अपने सबसे खास हेलीकॉप्‍टर ध्रुव को राहत कार्य में लगाया है।

बिना रुके हो रही हैं सॉर्टीज

बिना रुके हो रही हैं सॉर्टीज

भारतीय सेना के जाबांज अपनी जिंदगी खतरे में डालकर हजारों जिंदगियां बचा रहे हैं। जहां वायुसेना ने अब तक बिना रुके 186 से ज्‍यादा सॉर्टीज कर डाली हैं तो वहीं भारतीय सेना की ओर से भी करीब 150 सॉर्टीज को अंजाम दिया जा चुका है।

एयरड्रॉप हो रही राहत सामग्री

एयरड्रॉप हो रही राहत सामग्री

राहत कार्यो में लगे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स को भटिंडा, चंडीगढ़, श्रीनगर, जम्‍मू, अवंतिपुर और दिल्‍ली से ऑपरेट किया जा रहा है। जबकि श्रीनगर, अवंतिपुर, उधमपुर, जम्‍मू, पठानकोट और सरसावा से हेलीकॉप्‍टर्स रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में भेजे जा रहे हैं।

दर्वाइयों से लेकर खाना तक सप्‍लाई

दर्वाइयों से लेकर खाना तक सप्‍लाई

श्रीनगर, जम्‍मू, अवंतिपुर और ऐसी जगहों से प्रभावित लोगों को कंबल, पानी, टेंट, मेडिकल का सामान और खाने की सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।

टनों राहत सामग्री को किया गया एयरड्रॉप

टनों राहत सामग्री को किया गया एयरड्रॉप

इंडियन एयरफोर्स की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक अब तक कुल 1737 एयरफोर्स पर्सनल और करीब 315.5 मीट्रिक टन राहत सामग्री को आठ सितंबर तक एयरफोर्स की ओर से 45 एयरक्राफ्ट्स की मदद से एयरड्रॉप किया जा चुका है।

बचाएंगे हर व्‍यक्ति को

बचाएंगे हर व्‍यक्ति को

एयरफोर्स के स्‍पेशल हेलीकॉप्‍टर्स के साथ एयरफोर्स ने अपने गरुण को बाढ़ राहत कार्यों में लगाया गया है। अब तक कमांडोज ने 321 से ज्‍यादा उन लोगों की जान बचाई है जो पानी में फंसे हुए थे।

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English summary
Indian Armed forces till now have been saved more than 70,000 lives in Jammu Kashmir flood. More than 10,000 troops have been now deployed for rescue operation.
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