मोदी को ब्रांडिंग सिखाने वाले 'ओलिन' नहीं रहे
अक्टूबर 2013 का समय था। नरेंद्र मोदी को IAA, ने अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। वहां मोदी के भाषण ने सभी को चौंका दिया। नरेंद्र मोदी की ब्राण्ड को लेकर समझ, जागरूकता व सतर्कता ने सभी एेडवर्टाइजिंग के धुरंधरों का दिल जीत लिया।
आइएए के उपाध्यक्ष नीरज रॉय ने मोदी को कुछ इस तरह सम्बोधित किया, '' हमारी उम्मीदों पर नरेंद्र मोदी खरे ही नहीं उतरे हैं, बल्िक उन्होंने अपनी संचार-कला का बेहतरीन परिचय दिया है। इतिहास, वर्तमान और भविष्य को लेकर मोदी की जानकारी, विचार व विजन वाकई चमत्कारिक हैं।''
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जिस किसी ने भी नरेंद्र मोदी के लिए यह सम्बोधन सेमीनार में सुना या मीडिया में पढ़ा-देखा, उसने मोदी की अलग ही छवि अपने मन में बना ली।
गुरू गुड़, चेला शक्कर -
सैफ्रोन ब्राण्ड कंसल्टेंट और ब्रांडिंग गुरू वाली ओलिन को भी नरेंद्र मोदी ने पछाड़ दिया था। हुआ ये कि जिस दिन नरेंद्र मोदी मुंबई में आइएए के सेमीनार में 'भारत की ब्रांडिंग' पर बोल रहे थे, उसी दिन ओलिन एक कार्यक्रम में भारत की ब्रांडिंग पर चर्चा कर रहे थे।
गौर करने वाली बात यह कि ओलिन का कार्यक्रम पूरी तरह फुस्स रहा। नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम मीडिया व ऐड-दुनिया में छाया रहा, और ब्रांडिंग गुरू उनके सामने फैल हो गए। बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि मोदी ने ओलिन से ब्रांडिंग के गुर सीखे थे।
देश में अपनी विकासशील ब्रांडिंग कैसे की जाए, इस पर भी मोदी ने ओलिन को गुरू मानकर ब्रांडिंग के चैप्टर सीखे थे। दुर्भाग्य से आज मंगलवार को वॉली ओलिन का निधन हो गया, पर वे जाते-जाते नरेंद्र मोदी की ऐसी 'लहर' पैदा कर गए, जो आज उनके विरोधियों ही नहीं, सहयोगियों को भी झकझोर रही है।