क्या गोरखपुर रेल हादसे के बाद देश में बुलेट ट्रेन का ख्वाब देखना सही है मोदी जी?
गोरखपुर। भारत का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक हैं। इससे भी बड़ी बात की सरकार भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की सोच रही है। भारतीय ट्रेनों में हर दिन सवा करोड़ से ज्यादा लोग सफर करते हैं। जिस तरह मंगलवार की देर रात गोरखपुर के पास ट्रेन हादसा हुआ उसके बाद यह सवाल स्वाभाविक रूप से उपजता है कि आखिर गलती किसकी है? परंतु इससे ज्यादा वाजिब सवाल यह है कि रेल यात्रियों की जान की क्या कोई कीमत नही? हादसे के बाद नींद खुलती है और फौरन रेल सुरक्षा व रेलवे के आधुनिकीकरण को लेकर कमेटियां बना दी जाती हैं।
बरौनी एक्सप्रेस के इन डिब्बों को बगल की पटरी से गुजर रही मण्डुआडीह-लखनउ कृषक एक्सप्रेस के इंजन से टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि टक्कर से बरौनी एक्सप्रेस के डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये। इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। आईए अब इस बात पर चर्चा करते हैं कि आखिर कबतक पटरियों पर दौड़ती रहेगी मौत की एक्सप्रेस? नरेन्द्र मोदी ने देश के वजीर ए आलम बने तो पूरे देश ने एक साथ कहा कि अच्छे दिन आने वाले हैं। मोदी ने तत्काल किराया बढ़ाने का ऐलान किया तो देशवासियों ने कहा कि व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार के पास पैसा होना जरुरी है इसलिए किराए में बढ़ोत्तरी जायज है। मगर सुविधाओं के नाम पर यात्रियों को कुछ नहीं मिला। किराए तो बढ़ गये मगर जान की कीमत सस्ती हो गई।
मोदी जी जबाब दीजिए: देश में कैसे चलेगी बुलेट ट्रेन
भारत भी विदेशों की तरह 200 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन चलाता चाहता है। यही नहीं रेल मंत्री ने हाई स्पीड ट्रेन की हीरक चतुर्भुज योजना शुरू करने का भी इरादा जाहिर किया है। बुलेट ट्रेन और हाई स्पीड ट्रेन के बीच-सरकार मौजूदा नौ रूट्स पर हाई स्पीड ट्रेन शुरू करने जा रही है, जिसके तहत 160 किलोमीटर प्रतिघंटे से 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनें शुरू करने की योजना है। ऐसे में खस्ताहाल पटरियां-पुरानी पड़ चुकी सिग्नल प्रणाली और सुविधाओं का पिछड़ापन से जूझ रही रेलवे बुलेट ट्रेन कैसे चलाएगी।
तरिखों में पढ़ें वर्ष 2000 से लेकर अबतक हुए रेल हादसे
3 दिसम्बर 2000- पंजाब में सराय बंजारा और साधुगढ़ के बीच हावड़ा-अमृतसर मेल पटरी से उतरी मालगाड़ी पर चढ़ गई। इस हादसे में 46 लोगों की मौत हो गई थी और 130 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
22 जून 2001- केरल में कोझिकोड के निकट मंगलोर-चेन्नई मेल कडालुंदी नदी में गिर गई थी। इस हादसे में 40 लोग मारे गए थे।
12 मई 2002- नई दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पटरी से उतर गई थी जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी।
4 जून 2002- कासगंज एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर एक बस से टकरा गई थी जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई थी।
10 सितम्बर 2002- कोलकाता से नई दिल्ली आ रही राजधानी एक्सप्रेस बिहार में एक पुल पर पटरी से उतर गई थी जिसमें 120 लोग मारे गए थे।
3 जून 2003- दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र में एक एक्सप्रेस गाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी।
15 मई 2003- पंजाब में एक तेज रफ्तार पैसेंजर रेलगाड़ी में स्टोव के फटने से आग लग गई थी जिसमें 40 लोगों की मौत हुई थी और 50 से अधिक घायल हो गए थे।
22 जून 2003- पहला बड़ा रेल हादसा महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में कोंकण रेलखंड के वैभववाड़ी स्टेशन के निकट हुआ था। इसमें करवार-मुम्बई सेंट्रल होलीडे स्पेशल गाड़ी के तीन डिब्बे इंजन सहित पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में तीन बच्चों सहित 53 लोगों की मौत हो गई थी और 25 घायल हो गए थे।
2 जुलाई 2003- आंध्र प्रदेश में एक रेलगाड़ी के दो डिब्बे इंजन सहित एक पुल के नीचे से गुजर रहे वाहनों पर गिर गए थे। इस हादसे में वाहन सवारों सहित कम से कम 22 यात्रियों की मौत हो गई थी।
16 जून 2004- मुम्बई जा रही मत्स्यगंधा एक्सप्रेस महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक पुल पार करते समय पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 20 लोग मारे गए थे और 60 से अधिक घायल हो गए थे।
28 मई 2010- पश्चिम बंगाल में रेल पटरियों में तोड़फोड़ के कारण ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरियों से उतर गए थे और उनमें एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी।
19 जुलाई 2010- सियालदह जा रही उत्तरबंगा एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सैंथिया स्टेशन पर वनांचल एक्सप्रेस से टकरा गई थी जिसमें कम से कम 60 लोग मारे गए थे।
22 मई 2011- बिहार के मधुबनी जिले में एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक पैसेंजर ट्रेन एक वाहन से टकरा गई थी। इस हादसे में वाहन में सवार 16 लोगों की मौत हो गई थी।
7 जुलाई 2011- उत्तर प्रदेश में एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर 80 यात्रियों को लेकर जा रही एक बस के रेलगाड़ी से टकरा जाने पर कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई थी।
22 नवम्बर 2011- झारखंड के गिरिडीह में हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस में आग लग जाने से सात लोग जिंदा जल गए थे।
11 जनवरी 2012- दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
22 मई 2012- बैंगलोर जा रही हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में कम से कम 25 लोग मारे गए थे।
31 मई 2012- हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में जौनपुर के निकट पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी।
30 जुलाई 2012- दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस की एक बोगी में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के समीप आग लग जाने से कम से कम 35 यात्री जिंदा जल गए।
19 अगस्त 2013- बिहार के खगड़िया जिले में राज्य रानी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर 28 लोगों की मौत हो गई है।
8 जनवरी 2014- सूरत के पास बांद्रा देहरादून एक्सप्रेस के तीन कोच में आग लग गई थी। ट्रेन के S2, S3 और S4 कोच में लगी आग से धुंआ फैल गया। दम घुटने से 4 लोगों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए थे।
7 फरवरी 2014- महाराष्ट्र के नासिक जिले में निजामुद्दीन एर्नाकुलम मंगला एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी, जब ट्रेन के 10 कोच पटरी से उतर गए थे। इस ट्रेन हादसे में 3 यात्रियों की मौत हो गई थी और 37 लोग घायल हुए थे।
4 मई 2014- महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले में कोंकण रेलवे की दिवा-सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई थी, उस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई थी और 124 लोग घायल हुए थे।
26 मई 2014- उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में दिल्ली-गोरखपुर एक्सप्रेस एक खड़ी माल गाड़ी से जा टकराई थी। उस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
गलती रेलवे की और चालक सस्पेंड
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मंगलवार देर रात हुए रेल हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना के संबंध में कृषक एक्सप्रेस के चालक और सहायक चालक को निलंबित कर दिया गया है। हादसा चालक द्वारा सिग्नल की अनदेखी किए जाने के कारण हुआ बताया जा रहा है। दुर्घटनास्थल पर पहुंचे पूवरेत्तर रेलवे के कार्यकारी महाप्रबंधक मधुरेश कुमार ने कहा कि गोरखपुर के नंदानगर के क्रॉसिंग पर ट्रैक शूटआउट करने के कारण ही रेल हादसा हुआ। इसकी जांच रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त पीके वाजपेयी करेंगे।
जारी है मौत पर मुआवजा
रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मंगलवार देर रात हुए रेल हादसे में मरने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने घायलों के लिए भी सहायता राशि की घोषणा की। रेल मंत्रालय के ट्विटर अकाउंट पर बुधवार को किए गए ट्विट के अनुसार, "उन्होंने (मंत्री) ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये और सामान्य रूप से घायलों के लिए बीस-बीस हजार रुपये की सहायता राशि की घेषणा 30 सितंबर को की।"ट्विट के मुताबिक, मंत्री ने घायलों का बेहतर इलाज कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं।