बतौर नए सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने संभाली जिम्मेदारी
नए थलसेना प्रमुख ने ऐसे समय में पद संभाला है जब सेना अपने तोपखाने, पैदल सेना और वायु रक्षा शस्त्रों के आधुनिकीकरण को लेकर चुनौतियों का सामना कर रही है और साथ ही किसी संभावित बहु मोर्चा युद्ध का सामना करने के लिए भी खुद को तैयार कर रही है।
गोरखा रेजीमेंट के अधिकारी 59 वर्षीय सुहाग 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के अभियान में शामिल थे और अब तक सेना के उपप्रमुख थे। देश के 26वें थलसेना प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल 30 महीने का होगा। सुहाग को पिछले साल थलसेना का उपप्रमुख बनाया गया था। उससे पहले वह 16 जून 2012 से पूर्वी कमान के कमांडर थे।
Indian
Army’s
Change
of
Guard
:
Gen
Bikram
Singh
handing
over
the
Prized
Baton
to
Gen
Dalbir
Singh.
#COAS
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ADG
PI
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INDIAN
ARMY
(@adgpi)
July
31,
2014
सुहाग तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा 'अनुशासन और सतर्कता' प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से विवाद के केंद्र में रहे हैं। जनरल वीके सिंह ने पूर्व में असम में एक खुफिया अभियान के सिलसिले में उनपर यह प्रतिबंध लगाया था।
मई 2012 में जनरल बिक्रम सिंह के पदभार संभालने के तुरंत बाद 3 कॉर्प्स के तत्कालीन कमांडर सुहाग पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था। बीजेपी ने जनरल सुहाग की नियुक्ति में जल्दबाजी पर सवाल उठाए थे और जोर दिया था कि मामला अगली सरकार के लिए छोड़ देना चाहिए।
हालांकि एनडीए सरकार के गठन के तुरंत बाद रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि नई सरकार यूपीए सरकार के शासनकाल में की गई नियुक्ति जारी रखेगी।