तो सुषमा स्वराज को भाजपा हरियाणा में बनाएगी अपना सीएम उम्मीदवार
नई
दिल्ली(विवेक
शुक्ला)
हरियाणा
विधानसभा
के
चुनाव
की
घोषणा
अब
किसी
भी
वक्त
हो
सकता
है
और
इसके
साथ
भाजपा
के
भीतर
यह
मंथन
चलने
लगा
है
कि
क्या
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
को
प्रदेश
के
भावी
मुख्यमंत्री
के
रूप
में
पेश
किया
जा
सकता
है।
वे कुछ समय के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।दरअसल भाजपा की दिक्कत यह है कि उसके पक्ष में बयार तो बहती नजर आ रही है, पर उसके पास हरियाणा में कोई असरदार नेता नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष राम बिलास शर्मा कोई बड़े नेता नहीं माने जा सकते।
हाल के दौर में कांग्रेस से भाजपा में आए चौधरी बीरेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा पेश नहीं कर सकती। बीरेन्द्र सिंह कांग्रेस के राज्य सभा सांसद थे। उनका वैसा भी कोई बड़ा जनाधार नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि स्वराज हरियाणा से ही आती हैं। यहां से विधायक और मंत्री रही हैं। उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने से लाभ होगा। उनकी साफ-सुथरी छवि है। उनका अखिल भारतीय व्यक्तित्व है।
जानकारों का कहना है कि सुषमा स्वराज को हरियाणा में भेजने की वकालत वे कर रहे हैं,जो मानते हैं कि मोदी और उनके संबंध कतई मधुर नहीं हैं। मोदी अपनी अहम जापान यात्रा के दौरान सुषमा स्वराज को अपने साथ नहीं लेकर गए। सुषमा को हरियाणा भेजने से उन्हें राजनीतिक रूप से चोट पहुंचाई जा सकती है।
इस बीच, विदेश मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने रविवार को जींद में हुई एक बड़ी रैली में कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा की झोली में बहुत कुछ डाला है, अब हरियाणा के लोगों की बारी है कि वे प्रदेश में भाजपा की शुद्ध सरकार बनाएं।
सुषमा ने कहा कि हरियाणा के 10 में से भाजपा के 7 सांसद हैं, लेकिन प्रदेश ने केंद्र को 12 सांसद बनाकर दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हरियाणा पर इतना भरोसा है कि सरकार में हमारे 5 मंत्री हैं और पूरा विदेश मंत्रालय तो हरियाणा ही चलाता है। हरियाणा की कांगे्रस सरकार पर कटाक्ष करते हुए स्वराज ने कहा कि ‘किसी को क्या जरूरत है, तुम्हें नीचा दिखाने की। तुम्हारे तो कर्म ही काफी हैं, तुम्हारी हस्ती मिटाने को'।