तस्वीरों में कैद हुई कुर्बानी के पर्व बकरीद की खुशी
नयी दिल्ली। इस्लाम के दो पर्व बहुत अहम है। दोनों ही पर्व ईद है। ईद एक अरबी शब्द है जिसका मतलब है खुशी। ईद के इन दोनों ही त्यौहारों से खुशी जुड़ी हुई है। ईदुल फितर से रोजे की खुशी का वास्ता है तो ईद-उल-जुहा से कुर्बानी और हज की आस्था।
आज पूरे देश में ईद-उल-जुहा यानी की बकरीद धूम धाम से मनाई जा रही है। लोग एक-दूसरे के गले लगकर मुबारकबाद दे रहे है। सुबह की नवाज के साथ ही कुर्बानी का दौर शुरु हो गया है। ईद-उल-जुहा का ये त्यौहार इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने की 10 तारिख को मनाया जाता है।
बकरीद का ये त्यौहार ना केवल कुर्बानी के लिए बल्कि हज के लिए भी जाना जाता है। जानवरों की कुर्बानी का ये त्यौहार बने शानो-शौकत से मनाया जाता है। लोग 15-20 हजार से लेकर लाख-दो लाख या इससे भी ऊपर के बकरे खरीदते है। दौलतमंद लोग इसके असली पैगाम को भूलते जा रहे है और इसे वे अपनी हैसियत की नुमाइस के मौके में तब्दील करने लगे है। बाजार में पिछले कई दिनों ने बकरे की खरीददारी होती है। जो जितनी ऊंची दाम में बकरा खरीदता है उसकी अहमियत उतनी ही ज्यादा मानी जाती है।
दरअसल इस पर्व पर कुर्बानी एक यादगार घटना से जुड़ा है। यह घटना रब्बे कायनात के आगे समर्पण, उसकी मोहब्बत में अपना सबकुछ कु्र्बान कर देने से है। देशभर में ये कु्र्बानी का त्यौहार मनाया जा रहा है। मुस्लिम धर्मावलंबी ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे और पशुओं की कुर्बानी दी जाएगी। देशभर के बाजारों में मुस्लिम महिला-पुरुषों को कुर्बानी के उत्सव से पहले खरीदारी करते है।
ईद-उल-अजहा के मौके पर लाखों लोग अल्लाह की बारगाह में सिर झुकाकर देश में अमन व सुकून की दुआएं मांगेंगे। इसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू होगा। त्योहार की खुशी में बाजारों में हुजूम उमड़ा रहा। रंगबिरंगी लाइटों से जगमगाती दुकानों में देर रात तक खरीदारी होती रही। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी लोगों को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी है।
जानवरों की दी जाती है कुर्बानी
इस्लाम के दो पर्व बहुत अहम है। दोनों ही पर्व ईद है। ईद एक अरबी शब्द है जिसका मतलब है खुशी। ईद के इन दोनों ही त्यौहारों से खुशी जुड़ी हुई है। ईदुल फितर से रोजे की खुशी का वास्ता है तो ईदुल जुहा से कुर्बानी और हज की आस्था।
बाजार गुलजार
बकरीद को लेकर देशभर में धूम है। सुबह की नवाज के साथ ही कुर्बानी का दौर शुरु होगा है। जानवरों की कुर्बानी का इस त्यौहार में खास महत्व है।
बकरीद पर दी जाती है कुर्बानी
बकरीद का ये त्यौहार ना केवल कुर्बानी के लिए बल्कि हज के लिए भी जाना जाता है। जानवरों की कु्रबानी का ये त्यौहार बने शानो-शौकत से मनाया जाता है।
लाखों में खरीदे जाते है बकरे
लोग 15-20 हजार से लेकर लाख-दो लाख या इससे भी ऊपर के बकरे खरीदते है। दैलतमंद लोग इसके असली पैगाम को भूलते जा रहे है और इसे वे अपनी हैसियत की नुमाइस के मौके में तब्दील करने लगे है।
जानवरों का लगता है मेला
बाजार में पिछले कई दिनों ने बकरे की खरीददारी होती है। जो जितनी ऊंची दाम में बकरा खरीदता है उसकी अहमियत उतनी ही ज्यादा मानी जाती है।
लाखों में खरीदे जाते है बकरे
इस पर्व पर कुर्बानी एक यादगार घटना से जुड़ा है। यह घटना रब्बे कायनात के आगे समर्पण, उसकी मोहब्बत में अपना सबकुछ कु्र्बान कर देने से है। देशभर में ये कु्र्बानी का त्यौहार मनाया जा रहा है।
रंगीन है बाजार
बाजारों में बकरीद को लेकर चहल पहल है। लोग खरीददारी कर रहे है। कपड़े, जेवर से लेकर सेवईयों का बाजार सजा हुआ है।
लाखों में खरीदे जाते है बकरे
ईद-उल-अजहा के मौके पर लाखों लोग अल्लाह की बारगाह में सिर झुकाकर देश में अमन व सुकून की दुआएं मांगेंगे। इसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू होगा। त्योहार की खुशी में बाजारों में हुजूम उमड़ा रहा।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने भी दी बधाई
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी लोगों को ईदुलजुहा की शुभकामनाएं दी है।
कु्र्बानी के त्यौहार बकरीद की देशभर में धूम
देशभर में लोग बकरीद का त्यौहार धूमधाम से मना रहे है। बाजार गुलजार है। लोग खुशियां मना रहे है। मुस्लिमों के साथ-साथ हिन्दु भी उनकी खुशियों में शामिल हुए है।