टीचर्स डे को 'गुरु उत्सव' बनाने पर विवाद, 'अपनों' ने ही उठाए सवाल
नई दिल्ली। 5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस भी अब राजनीति का शिकार हो गया है। टीचर्स डे को 'गुरु उत्सव' के रूप में मनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर विवाद पैदा हो गया है।
इस मसले पर तमिलनाडु से बीजेपी की सहयोगी पार्टियों ने ही इसका विरोध किया है। 5 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजधानी दिल्ली में लगभग एक हजार छात्र-छात्राओं को संबोधित करने का कार्यक्रम बनाया गया है।
इस मौके पर देश भर के 14 लाख स्कूलों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। कुछ निजी स्कूलों को इस पर आपत्ति है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय इस गुरु उत्सव की तैयारी में जुटा है।
पढ़ें-
पीएम
मोदी
के
11
फैसले
खबर
है
कि
भाषण
के
बाद
प्रधानमंत्री
देश
भर
के
छात्र-छात्राओं
के
सवालों
का
जवाब
भी
देंगे।
कार्यक्रम
का
प्रसारण
'एडुसेट'
के
जरिए
हेागा
पर
इस
पहल
शुरु
होने
से
पहले
ही
विवादों
पैदा
हो
गए
हैं।
दोनों पार्टियों के नेताओं एस रामदॉस और वाइको ने मांग की है कि केंद्र तुरंत टीचर्स डे को लेकर जारी किया यह निर्देश तुरंत वापस लिया जाए। टीचर्स डे पर टीवी, रेडियो और इंटरनेट के जरिए मोदी की हर स्टूडेंट तक पहुंचने की पहल को लेकर दिल्ली के कुछ प्राइवेट स्कूलों ने नाखुशी जताई है।