कोयला घोटाला की कालिख हटाने की कोशिश में कहीं सीबीआई पर ही कालिख न पुत जाए!
नई दिल्ली। कोयला घोटाले की कालिख हटाने की कोशिश में सीबीआई ने एक कदम और बढ़ाया है। सीबीाई की विशेष अदालत ने सीबीआई से ही पूछा है कि क्या हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन कनरे की प्रक्रिया में कानून का पालन किया गया गया था। जिसके बाद सीबीआई हरकत में आ गई है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने सीबीआई से पूछा कि क्या हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटित करने की प्रक्रिया में कानून का पालन किया गया है। हिंडाल्को आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी है। सीबीआई ने अक्टूबर 2013 में कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में बिड़ला, पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव पी.सी. पारेख और अन्य को आपराधिक षड्यंत्र तथा भ्रष्टाचार के आरोप में नामजद किया था।
सीबीआई द्वारा दाखिल की गई समापन रपट पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह स्पष्टीकरण मांगा है।
समापन रपट गुरुवार को दाखिल की गई थी। सीबीआई ने इस रपट में कहा है, "जांच के दौरान मिले सबूतों से यह साबित नहीं होता कि प्राथमिकी में नामजद व्यक्तियों के ऊपर लगाया गया आरोप सही है।"
हिंडाल्को एशिया में एल्युमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनियों में से एक है।
सीबीआई से यह भी पूछा गया कि क्या इस मामले में आपराधिकता का कोई तत्व भी है।
जांच अधिकारियों ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तिथि मुकर्रर की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।