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कांग्रेस का 'कर्कश' फैसला, 'अगर आप प्रवक्ता नहीं हैं, तो ना बोलें'
नई दिल्ली। हार से उबरने के बाद गुजरात के उपचुनाव में दो सीटों पर भले ही कांग्रेस ने आज कब्जा कर लिया हो पर आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में पार्टी ने नए-नए कदम उठाने शुरु कर दिए हैं।
-
कांग्रेस
ने
उन
पार्टी
नेताओं
के
बोलने
पर
एक
तरह
से
पाबंदी
लगाने
का
प्रयास
किया,
जो
इसके
लिए
अधिकृत
तौर
पर
योग्य
नहीं
हैं।
पार्टी
ने
कहा
कि
ऐसे
नेता
मीडिया
के
जरिये
अपनी
राय
जाहिर
ना
करें
जो
प्रवक्ता
की
पदवी
नहीं
रखते।
-
कांग्रेस
प्रवक्ता
शकील
अहमद
का
कहना
था
कि
यह
कोई
बैन
करने
का
ऑर्डर
नहीं
है
बल्कि
इसे
नीतिगत
फैसला
मानकर
हल्ला
नहीं
मचाया
जाना
चाहिए।
अखिल
भारतीय
कांग्रेस
कमेटी
के
मीडिया
विभाग
के
प्रमुख
अजय
माकन
ने
ट्विटर
पर
पांच
वरिष्ठ
प्रवक्ताओं
और
13
प्रवक्ताओं
की
सूची
जारी
करते
हुए
कहा
कि
सिर्फ
यही
पार्टीलाइन
प्रिजेंट
करेंगे।
- दरअसल हाल के दिनों में कुछ नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की थी जो पार्टी की अधिकृत लाइन से मेल नहीं खाती थीं जिससे आजिज आकर इस तरह का कठोर कदम उठाया गया है।
पढ़ें-
दिल्ली
की
सत्ता
इसलिए
है
खाली...
शकील
अहमद
से
राहुल
गांधी
के
सम्बंध
में
सवाल
करने
पर
उन्होंने
कहा
कि
‘राहुल
गांधी
पार्टी
के
उपाध्यक्ष
हैं
और
सोनिया
गांधी
अध्यक्ष
हैं,
वह
जो
कुछ
कहेंगे
वह
पार्टी
की
आधिकारिक
लाइन
होगी।
हालांकि
इसे
राजनैतिक
विश्लेषक
कांग्रेस
की
प्री-प्रिपेयर्शन
के
तौर
पर
देख
रहे
हैं।
Comments
English summary
Congress released specific list of leaders to speak behalf
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