अब होंगे प्रकट कृपाला दीन-दयाला 'कांग्रेस' हितकारी, पार्टी खुलकर मनाएगी जन्माष्टमी, रामनवमी
नई दिल्ली। 'अब हार गई इस दुनिया से,आन पधारो प्रभुवर'। यह पंक्तियां अब यदि कांग्रेस पार्टी के लिए प्रयोग की जाएं तो किसी को ऐतराज नहीं होगा। लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार के बाद कांग्रेस को अब धर्म-पूजन याद आ ही गया है।
धर्मनिरपेक्षता परोसने के प्रयास में पार्टी ने हिंदू धर्म और उसके पर्व-त्यौहारों से एक दूरी बना ली थी लेकिन अब उसे लगने लगा है कि धर्म उसे फिर से लोकप्रिय बना सकता है और इसी कोशिश में भव्य आयोजनों का फैसला लिया गया है। खबर की पुष्टि नभाटा दैनिक ने की है।
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बताया जा रहा है कि अब भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम जयंती का भव्य आयोजन करना शुरु करेगी। इतना ही नहीं इसमें पार्टी के मुस्लिम नेता भी जमकर हिस्सा लेंगे। इसकी शुरुआत 17 अगस्त को जन्माष्टमी से की जाएगी व हर प्रमुख त्यौहार पर पार्टी इस तरह के आयोजनों से अपनी पैठ बनाएगी।
ऐसा एंटनी कमेटी की रिपार्ट के सुझावों के पालन करने के क्रम में हो रहा है। दिल्ली की कांग्रेस इकाई ने आलाकमान से अनुमति लेकर यह निर्णय लिया है। एंटनी कमेटी की रिपोर्ट में ज़िक्र है कि जनता की नजरों में कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम हितों की रक्षा करने वाली पार्टी होती दिख रही है।
बाकी समुदाय के लोग पार्टी से भावनात्मक रूप से पार्टी से किनारा करते जा रहे हैं। जन्माष्टमी, रामनवमी और दीपावली के अलावा क्रिसमस और ईद का भी आयोजन ज़ोर-शोर से होगा। फिलहाल पार्टी में रोजा इफ्तार, नेहरू-गांधी जयंती वगैरह मनते आए हैं पर इस बार नई पहल के चलते पार्टी सियासी-सामाजिक लाभ लेने की कोशिश में दिख रही है।