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कुमार का मत कीजिये विश्वास, नहीं मिला सीएम प्रोपोज़ल

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नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। आज एक अरसे के बाद कुमार विश्वास फिर से प्रकट हो गए। लोकसभा चुनाव बुरी तरह से हारने के बाद वे अज्ञातवास में चले गए थे। किसी को उनके बारे में मालूम नहीं था। आम आदमी पार्टी के कुछ नेता कह रहे थे कि वे कवि सम्मेलनों में बिजी है। बहरहाल, आज उन्होंने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी।

कुमार विश्वास के मुताबिक, उन्हें यह भी बताया गया था कि 'आप' के 12 विधायक जो चुनाव नहीं चाहते हैं, वे उन्हें बतौर सीएम समर्थन देने के लिए तैयार हैं। मालूम नहीं कि विश्वास के दावों में कितनी सच्चाई है, पर भाजपा के विश्वास नगर से विधायक ओपी शर्मा कहते हैं कि विश्वास के दावे खोखले और बेबुनियाद है। वे पूछते हैं, बीजेपी जब सरकार बनाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है तो वह विश्वास को सरकार बनाने की पेशकश किस लिए करेगी। अगर बीजेपी ने इस तरह का कोई कदम उठाया होता तो पार्टी दिल्ली में खत्म हो जाती। यहां की जनता उसे कभी माफ नहीं करती।

बकौल विश्वास लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के तीन दिन बाद उनके गाजियाबाद स्थित मकान में 19 मई को दिल्ली से पहली बार सांसद बने एक नेता ने मुलाकात की थी। विश्वास ने बताया, '19 मई को रात साढ़े दस बजे बीजेपी के एक सांसद मेरे घर आए थे। वह सुबह साढ़े तीन बजे तक मुझे समझाते रहे कि मुझे बीजेपी को सरकार बनाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने मुझे यह भी कहा कि वे लोग मुख्यमंत्री के रूप में मेरा समर्थन करने को तैयार हैं।' अब बड़ा सवाल- विश्वास उस सांसद का नाम क्यों नहीं बताते। दिल्ली से पहली बार इस लोकसभा में परवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी चुन कर पहुंचे हैं। विश्वास को इनके नाम बताने में इतनी दिक्कत क्यों महसूस हो रही है। कुमार विश्वास का कहना है कि मैंने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और तुरंत पार्टी को इसकी सूचना दी।

अब सवाल उठता है कि अचानक से

कुमार विश्वास इस तरह के दावे क्यों कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा क्या हैं? वे दिल्ली से विधायक नहीं हैं। अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन बुरी तरह हारे और जमानत भी नहीं बचा पाए। नियम के मुताबिक, कोई भी ऐसा शख्स जो विधायक नहीं है मुख्यमंत्री तो बन सकता है लेकिन छह महीने के भीतर चुनाव लड़कर विधायक बनना होगा।

कुमार विश्वास का नाटक तो देखें

कुमार विश्वास को जानने वाले जानते हैं कि विश्वास ने मीडिया में बने रहने के लिए यह सारा नाटक किया है। अब उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता। खबरों में बने रहने के चलते ही उन्हें देश-विदेश से कवि सम्मेलनों के निमंत्रण मिलते रहे हैं। हां, वे बढ़िया हिन्दी बोल लेते हैं तो मीडिया में बने रहना और उसके लाभ उन्हें समझ आ गए हैं। जाहिर तौर पर उन्होंने इसलिए यह सारा नाटक खेला।

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English summary
AAP leader Kumar vishwas knows how to remain in news. Actually the CM proposal for him is just a political stunt. इस बात को समझते हुए उन्हें दावा कर
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