जिनपिंग के आदेश के बाद भी लद्दाख में डटे हैं चीनी सैनिक
लेह।
लद्दाख
में
स्थित
एलएसी
पर
चीनी
सैनिक
अभी
भी
डटे
हुए
हैं।
यहां
तक
कि
वे
अपने
राष्ट्रपति
शी
जिनपिंग
के
उस
आदेश
को
भी
मानने
से
इंकार
कर
रहे
हैं
जिसमें
उन्हें
पीछे
हटने
के
लिए
कहा
गया
था।
भारतीय सीमा में इस समय करीब 1,000 सैनिक अपनी पूर्व स्थिति पर कायम हैं।
पिछले दिनों जब जिनपिंग भारत यात्रा पर आए थे तो उस समय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया था कि उन्होंने चीनी सैनिकों को वापस लौटने के आदेश जारी कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर चीन के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर चीनी सैनिकों से अनुरोध किया गया है कि वे राष्ट्रपति के आदेश का पालन करें।
चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह आदेश भी दिया गया है कि जिनपिंग के आदेश को मानने के बाद उन्हें तुरंत ताजा स्थिति से अवगत कराया जाए।
चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह बयान उस समय आया है जब लद्दाख के चुमार इलाके में पैदा हुए टकराव के हालात यथास्थिति पर कायम हैं।
वहीं बढ़ते तनाव के बीच चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ दलबीर सिंह सुहाग ने भूटान का अपना दौरा रद्द कर दिया है। आपको बता दें कि रविवार को उस वक्त स्थिति और खराब हो गई थी जब चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सीमा में अपने 7 टेंट गाड़ दिए थे।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को गाड़ियों पर सवार होकर लेह से 300 किलोमीटर दूर चुमार में आए चीनी सैनिकों ने भारतीय की ओर से इलाके को खाली करने की चेतावनी दिए जाने के बावजूद भारतीय सीमा में अपने टेंट लगा दिए थे।
सूत्रों ने कहा कि यह घुसपैठ चुमार इलाके में एक छोटी पहाड़ी पर पहले से ही मौजूद 35 चीनी सैनिकों के अतिरिक्त है। चीनी सैनिक मांग कर रहे थे कि भारतीय थलसेना को इलाके से एक साथ वापसी करनी चाहिए पर थलसेना ने वहां रुकने का फैसला किया था।
गुरुवार की रात चीनी सैनिक अपनी सीमा में लौट गए थे। चीन के हेलिकॉप्टरों को एक बार फिर अपने सैनिकों के लिए खाने-पीने के पैकेट गिराते देखा गया पर उन्होंने वायु क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया।
पीएलए के जवानों ने बाद में खाने के पैकेट उठा लिए और उन्हें अपने टेंट के भीतर रख लिया।
इस इलाके में तनाव की स्थिति उस वक्त पैदा हुई थी, जब अपनी सीमा में सड़क निर्माण का काम कर रहे कुछ चीनी कामगारों ने भारतीय सीमा में दाखिल होना शुरू कर दिया और यह दावा भी किया कि उनके पास ताइबल तक सड़क बनाने के आदेश हैं।