चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से नरेंद्र मोदी की पांच उम्मीदें
अहमदाबाद।
चीन
के
राष्ट्रपति
शी
जिनपिंग
आज
अपनी
भारत
यात्रा
पर
गुजरात
के
अहम
शहर
अहमदाबाद
पहुंचने
वाले
हैं।
जिनपिंग
की
इस
भारत
यात्रा
के
साथ
ही
एक
बार
फिर
से
लद्दाख
में
घुसपैठ
की
खबरें
आई
हैं।
साफ है जिनपिंग के इस भारत दौरे पर सीमा विवाद का मुद्दा भी काफी अहम होगा। सूत्रों की मानें तो भारत और चीन के बीच इस मुद्दे को लेकर एक फ्लैग मीटिंग भी होगी।
इससे अलग जिनपिंग के साथ चीन के बड़े व्यापारियों का एक डेलीगेशन भी भारत आ रहा है। ऐसे में भारत में निवेश की चीन की इच्छा को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
एक नजर डालिए उन पांच खास बातों पर जिन पर जिनपिंग के भारत दौरे पर सबकी नजरें टिकी होंगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
का
सपना
देश
में
ज्यादा
से
ज्यादा
स्मार्ट
सिटी
बनाने
का
है।
वह
चाहते
हैं
कि
देश
में
ऐसे
शहर
हों
जहां
पर
हाई
स्पीड
ट्रेनें
हो
और
मॉर्डन
एयरपोर्ट्स
हों।
बिल्कुल उसी तरह से जिस तरह से चीन ने अपने शहरों को विकसित किया हुआ है। मोदी का यह सपना चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग पूरा कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि मोदी और जिनपिंग भारत में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए एक डील पर साइन कर सकते हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच भारत में वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट के विकास पर एक समझौता भी हो सकता है।
सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पिछले कुछ समय से एक बड़ा मुद्दा रहा है। चीन की ओर से वर्ष 2013 से लेकर अब तक 334 बार घुसपैठ की कोशिशें लद्दाख के अलग-अलग क्षेत्रों में की जा चुकी हैं।
जिनपिंग की भारत यात्रा शुरू होने से पहले ही दो बार घुसपैठ की खबरें लद्दाख के क्षेत्र से आई हैं।
इन दोनों ही खबरों में जहां चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तो वहीं चीन के नागरिकों की ओर से भी निर्माण कार्य में बाधा डालने की बातें सामने आई हैं।
अमेरिकी समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जनरल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत और चीन के बीच अब तक सीमा विवाद को दूर करने के लिए 17 दौर बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है।
जिनपिंग का भारत दौरा इस बातचीत के लिए एक बेहतरीन मंच साबित हो सकता है।
चीन के 100 बिलियन डॉलर
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सफल जापान यात्रा से वापस लौट कर आए हैं। उनकी इस जापान यात्रा के दौरान, जापान ने भारत में 35 बिलियन डॉलर का निवेश करने का वादा किया है।
जापान अगले पांच वर्षों में यह रकम निवेश करेगा। चीन और जापान के रिश्ते जगजाहिर हैं और चीन कभी भी इस बात को नहीं हजम कर सकता कि उसकी नजरअंदाजगी के साथ ही भारत और जापान करीब आएं।
ऐसे में पूरी उम्मीद है कि चीन जापान से निवेश के मामले में कहीं आगे जा सकता है। माना जा रहा है चीन भारत में अगले पांच वर्षों में 100 बिलियन डॉलर की रकम को निवेश करने का ऐलान कर सकता है।
इंडस्ट्रीयल पार्क की शुरुआत
भारत और चीन दोनों ने ही भारत में चाइनीज कंपनियों के इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना के साथ ही चीनी कंपनियों के निवेश पर मंजूरी जताई थी। यह मंजूरी भारत के उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी के जून में हुए चीन के दौरे के बाद सामने आई थी।
वॉल स्ट्रीट जनरल की मानें तो भारतीय अधिकारियों को पूरी उम्मीद है कि चीन, पांच बिलियन डॉलर की रकम के एक इंडस्ट्रीयल पार्क गुजरात में तो एक पार्क महाराष्ट्र में स्थापित करने के लिए हामी भर सकता है।
इन इंडस्ट्रीयल पार्कों के बाद चीन की कंपनियों के लिए भारत में अपने उत्पादों को बेचना और आसान हो सकेगा।
बदलेंगे
रिश्ते
चीन
के
राष्ट्रपति
शी
जिनपिंग
के
इस
भारत
दौरे
के
साथ
ही
विशेषज्ञ
यह
भी
मान
रहे
हैं
कि
दोनों
देशों
के
रिश्तों
को
एक
नया
मोड़
मिल
सकता
है।
जिस
समय
मोदी
गुजरात
के
मुख्यमंत्री
थे
उस
समय
भी
उन्होंने
चीन
के
निवेश
को
राज्य
में
काफी
बढ़ावा
दिया
था।
चीनी निवेश की वजह से मोदी की नजदीकियां चीन से बढ़ गई थीं। एक प्रधानमंत्री के तौर पर अगर मोदी चीन को भारत में ज्यादा से ज्यादा निवेश के लिए प्रेरित कर सके तो यह प्रधानमंत्री के तौर पर उनके लिए एक बड़ी कामयाबी होगी।