SMS पर मिलेगी प्रेगनेंसी और बच्चे की पूरी जानकारी
इस नए सिस्टम से न सिर्फ एएनएम की सक्रियता बढ़ेगी, बल्कि सॉफ्टवेयर एएनएम को अलर्ट मैसेज भेजकर यह भी बताएगा कि किस गर्भवती महिला की जांच कब होनी है। नवजात शिशु को अगला टीका कब लगना है। बताया जाता है कि इस सिस्टम को संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बीएसएनएल के साथ 2 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है। इसमें बीएसएनएल को 5 हजार एएनएम को मोबाइल फोन देने हैं (लगभग बांटे जा चुके हैं)।
17 जिलों की एएनएम को मोबाइल कैसे ऑपरेट करना है, सॉफ्टवेयर के जरिए कैसे मैसेज भेजना है, इसकी ट्रेनिंग भी दिलाई जा चुकी है। इस नए सिस्टम से काम शुरू हो चुका है, लेकिन इसका औपचारिक उद्घाटन बाकी है। इस सिस्टम को मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम से भी जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुभाष पांडे ने बताया कि ई-गवर्नेस पर कोच्चि में आयोजित 17वें राष्ट्रीय कार्यक्रम में 'मदर एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम' को सराहना मिली है। केरल के राज्यपाल ने खुद इस सिस्टम की जानकारी मांगी है।
इसके लिए गर्भवती महिला का नाम, पूरा पता। प्रसव की संभावित तिथि, प्रसव घर पर हुआ या अस्पताल में। स्वास्थ्य की संपूर्ण जानकारी। साथ ही नवजात शिशु के संबंध में मां का नाम, वजन। जन्म से 1 साल और 1 से 5 तक टीकाकरण, कब और कहां लगेंगे, शिशु के स्वास्थ्य की संपूर्ण जानकारी डाटा में फीड रहेगी। अभी तक प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र से एएनएम को गर्भवती माता और बच्चे के संबंध में जानकारी लेनी होती थी, यह जानकारी रजिस्ट्रर में लिखी जाती है। इसके बाद इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जाता है, जहां ऑपरेटर इसे कंप्यूटर में फीड कर मेन सर्वर के जरिए मुख्यालय भेजता है।
इसमें कई तरह की गलतियां होती हैं। कभी मां तो कभी बच्चे का नाम गलत लिख जाता है, तो कभी उसके टीकाकरण की तारीख ऊपर नीचे हो जाती है, जिससे पर्याप्त निगरानी नहीं हो पाती। अब 'मदर एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम' जिसके जरिए एएनएम को मिले मोबाइल के माध्यम से सिर्फ कुछ बटनों को दबाकर गर्भवती माता या उसके बच्चे का नाम लिखना है। बाकी ऑप्शन मोबाइल में अपलोड किए गए हैं।
इससे सही जानकारी कम समय में, बगैर पेपर-पेन के सीधे मेन सर्वर में पहुंच जाएगी। जहां बैठे अफसर इसकी निगरानी कर सकेंगे और कमियां पाए जाने पर सीधे एसएमएस के जरिए एएनएम को निर्देश भी दिए जा सकेंगे। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुभाष पांडे कहते हैं कि इस सिस्टम के कार्य करने से व्यवस्था में सुधार और गर्भवती माता, उसके बच्चे की उचित देख-रेख हो सकेगी।