चौधरी चरण सिंह के बंगला बना जाट वोट की गुल्लक
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अगले माह होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिये राजनीतिक पार्टियों ने चौधरी चरण सिंह के बंगले को जाट वोटों की गुल्लक बना दिया है। राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि अगर यह गुल्लक सही समय पर फूट गई तो जाट वोटों की बारिश हो जायेगी।
स्पष्ट शब्दों में बात करें तो हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले चौधरी चरण सिंह के नई दिल्ली की तुगलक रोड स्थित बंगले को स्मारक बनाने की मांग शुरू हो गई है। इसी से हाल ही में उनके पुत्र और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह को निकालने की कोशिश हुई थी। ऐसा पहली बार नहीं होगा कि किसी नेता के बंगले को स्मारक बनाया गया हो। इससे पहले पंडित नेहर, इंदिरा गांधी और जगजीवन राम के निवास स्थानों को स्मारक घोषित किया जा चुका है।
खेला किसान व जाट कार्ड
हरिय़ाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चरण सिंह के नाम पर किसान कार्ड खेलने की कोशिश की है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह ने सरकार बंगला खाली करवाने का विरोध करते हुए हुड्डा ने इस बंगले को चौ़ चरण सिंह स्मृति भवन बनाने की मांग की है।
चरण सिंह के देहांत के बाद भी बंगला नंबर-12 किसान ट्रस्ट की गतिविधियों का केंद्र रहा और उनके बेटे चौ़ अजीत सिंह इसका संचालन करते रहे।
बेशक, बंगला खाली करवाने की इस कार्रवाई का विरोध करके हुड्डा ने हरियाणा सहित देशभर के किसानों को रिझाने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री वैंकेया नायडू को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में हुड्डा ने कहा है कि चौ़ अजीत सिंह से यह बंगला खाली करवा कर केंद्र सरकार ने देशभर के किसानों का अपमान किया है। याद रहे कि चौ़ चरण सिंह जब देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्हें यह बंगला अलॉट हुआ था।
1978 के बाद बंगले में रहे थे चरण सिंह
चरण सिंह 1978 के बाद से कई वर्षों तक इन बंगले में रहे। उनके बाद उनके बेटे को केंद्रीय मंत्री के रूप में यही बंगला अलॉट हुआ। तब से लेकर अभी तक इस बंगले में चरण सिंह का परिवार ही रह रहा है।
चरण सिंह उत्तर भारत से निकले अकेले ऐसे जाट एवं किसान नेता थे, जिन्हें देशभर के किसानों एवं कामगारों ने अपना नेता माना। यही नहीं, नयी दिल्ली के तुगलक रोड स्थित बंगला नंबर-12 को ही चरण सिंह ने किसान ट्रस्ट बनाया और यही से देश भर में किसानों के लिए गतिविधियां चलती रहीं। किसानों के कल्याण के लिए चरण सिंह ने ही किसान ट्रस्ट की स्थापना की थी।
इस बीच, कुछ और जानकारों का भी कहना है कि जिस तरीके से अजित सिंह से सरकारी बंगला खाली करवाया गया है, वह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। इनका मानना है कि उक्त खाली करवाने का नोटिस नहीं दिया गया और फिर उनका बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया गया।