अब हर 10 लाख आबादी वाले शहर को मिलेगा मेट्रो का तोहफा
आपको बता दें कि अब तक के नियमों के मुताबिक, 20 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों में ही मेट्रो चलाने पर केंद्र सरकार आर्थिक मदद देती है। शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगर सरकार इस बारे में अंतिम फैसला करती है, तो इससे एक साथ कई शहर मेट्रो बनाने के योग्य हो जाएंगे।
नैशनल अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी की समीक्षा करने के बाद वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार अब नैशनल अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी 2006 की भी पूरी समीक्षा कर रही है। इस कारण तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरूरत का भी तेजी से बढ़ना तय है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के अब तक के नियम के मुताबिक 20 लाख की आबादी वाले शह को ही मेट्रो की इजाजत मिलती थी, जिसमें राज्य के लिए बनने वाले मेट्रो कॉरपोरेशन में 50 फीसदी की हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होती है और राज्य सरकार की तरह ही वह भी मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत का 20 से 25 फीसदी पैसा अपनी हिस्सेदारी के रूप में देती है।
इस नियम के साथ केन्द्र सरकार ने शर्तें लगाने की बात कही हैं। जिनमें सबसे प्रमुख होगा कि अगर 10 लाख की आबादी वाले नियम को लागू किया जाता है तो भी उन राज्यों में ही मेट्रो प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल दिया जाएगा, जहां राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके अलावा सरकार इस बात निरिक्षण करेगी कि उस राज्य में बनने वाली मेट्रो लाइन आर्थिक रूप से फायदेमंद होगी या नहीं।