BSP, NCP और CPI नहीं रहीं राष्ट्रीय पार्टी
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने दो हफ्ते पहले ही इन तीनों दलों को शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं और उनसे पूछा गया है कि लोकसभा चुनावों में उनकी स्थिति देखते हुए क्यों न उनका राष्ट्रीय दल होने का दर्जा वापस ले लिया जाए। आयोग ने तीनों दलों को 27 जून तक जवाब देने का वक्त दिया था। यदि तीनों दल अपने पक्ष से आयोग को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, तो बीजेपी, कांग्रेस और सीपीएम की ऐसे दल होंगे, जो राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल माने जाएंगे।
नहीं
उपलब्ध
होगी
मतदाता
सूची:
बता
दें
कि
एनसीपी,
बीएसपी
और
सीपीएम
चुनावों
के
दौरान
ऑल
इंडिया
रेडियो
और
दूरदर्शन
पर
प्रसारित
होने
वाले
चुनाव
पूर्व
प्रसारण
और
मुफ्त
मतदाता
सूची
पाने
का
अधिकार
भी
खो
देंगी,
जो
अभी
तक
उन्हें
राष्ट्रीय
पार्टी
होने
के
नाते
बतौर
सुविधा
उपलब्ध
कराई
जाती
थी।
पहले
भी
छिन
चुका
पार्टियों
का
राष्ट्रीय
दर्जा:
इससे
पहले
2010
में
चुनाव
आयोग
ने
पांच
पार्टियों
से
राष्ट्रीय
पार्टी
होने
का
दर्जा
छीन
लिया
था।
इनमें
राष्ट्रीय
जनता
दल
(RJD),
जनता
दल
यूनाइटेड
(JDU)
और
समाजवादी
पार्टी
(SP)
शामिल
थी।
ऐसा
भी
हो
सकता
है:
वर्ष
1968
के
एक
आदेश
के
मुताबिक,
कोई
भी
पार्टी,
राष्ट्रीय
पार्टी
होने
का
दर्जा
खोने
के
बाद
एक
ही
चुनाव
चिह्न
से
पूरे
देश
में
चुनाव
नहीं
लड़
सकती।
दूसरे
शब्दों
में
कहें,
तो
यदि
राष्ट्रीय
पार्टी
होने
का
दर्जा
छीन
लिया
जाता
है,
तो
एनसीपी
अपने
चिह्न
'घड़ी'
के
साथ
पूरे
देश
में
चुनाव
नहीं
लड़
पाएगी।