उपचुनाव में सहमी भाजपा को हरियाणा में भी सता रहा डर
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। हाल के उप चुनावों में खराब प्रदर्शन करने के बाद भाजपा को जन्नत की हकीकत समझ आ गई है। भाजपा नेतृत्व हरिय़ाणा विधानसभा के 15 अक्तूबर को होने वाले चुनाव को लेकर खासा गंभीर है। दिल्ली से सटा होने के कारण पार्टी हर हाल में यहां सत्ता में आने की कोशिश में जुटी है। एक बार पार्टी फिर से उन सभी 47 सीचों में सर्वे करवाएगी, जहां उम्मीदवारों की घोषणा होना बाकी है। यानी कि कुछ उम्मीदवारों के नामों में बदलाव मुमकिन है।
नतीजों से घबराए अमित शाह
दिल्ली से जुड़े भाजपा सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव के नतीजों के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा व महाराष्ट्र में स्थानीय नेतृत्व पर भरोसे करने की बजाय इन दोनों राज्यों की कमान अपने हाथों में ले ली है। चर्चा तो यह भी है कि 43 उम्मीदवारों के चयन में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं कुछ सांसदों पर लगे गंभीर आरोपों को भी पार्टी अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया है। महत्वपूर्ण है कि पार्टी के 43 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद से ही भाजपा में हुए विद्रोह और बगावत के बाद पार्टी अब बाकी की सीटों पर कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है।
ऐसे में अब स्थानीय नेताओं द्वारा की गई सिफारिश पर कम और पार्टी नेतृत्व द्वारा प्रदेश में उम्मीदवारों के लिए करवाए गए सर्वे पर अधिक भरोसा किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, शाह की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के तुरंत पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सेंट्रल पार्लियामेंट बोर्ड की बैठक होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लग जाएगी। बताते हैं कि अगर सब सामान्य रहा तो बीस अगस्त तक भाजपा अपने बाकी उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी।
पार्टी में बगावत के स्वर
हरिय़ाणा भाजपा के नेता डरे हुए हैं। उन्हें यकीन है कि जैसे ही 47 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी, पार्टी में बगावत बढ़ जाएगी। राजधानी में पार्टी प्रमुख अमित शाह हरियाणा के मुद्दे को लेकर अपनी टीम के नेताओं के अलावा हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी दो-तीन बैठकें कर चुके हैं। पहली सूची होने के बाद जिस तरह की बगावत दिखी पार्टी के भीतर उससे वे सहमे हुए हैं।
हिरयाणा भाजपा से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण बातें
-
सोनीपत
में
पार्टी
की
दो
ही
सीटों
पर
उम्मीदवारों
का
फैसला
होना
बाकी
है।
यहां
पेंच
फंसा
हुआ
है।
-
बरोदा
से
जयभगवान
सांगवान
सहित
तीन-चार
और
नेता
टिकट
के
लिए
लॉबिंग
करने
में
जुटे
हैं।
-
गन्नौर
हलके
में
पूर्व
सांसद
जितेंद्र
मलिक
व
मौजूदा
सांसद
रमेश
कौशिक
के
बीच
घमासान
चल
रहा
है।
-
कांग्रेस
छोड़कर
भाजपा
में
आए
जितेंद्र
मलिक
यहां
से
मजबूत
दावेदार
हैं।
-
रमेश
कौशिक
अपने
भाई
देवेंद्र
कौशिक
के
लिए
टिकट
मांग
रहे
हैं।
-
जींद
व
कैथल
जिला
की
जिन
सीटों
पर
अभी
तक
फैसला
नहीं
हुआ
है।
-
राज्यसभा
सांसद
बीरेंद्र
सिंह
अपने
समर्थकों
के
लिए
टिकट
की
मांग
कर
रहे
हैं।
-
पूर्व
सांसद
सुरेंद्र
सिंह
बरवाला
ने
विगत
दिवस
ही
भाजपा
ज्वाइन
की
है,
टिकट
मांग
रहे
हैं।
-
कैथल
में
लीला
गुर्जर,
सुरेश
गर्ग
व
अरुण
सर्राफ
का
नाम
चर्चाओं
में
है।
-
इंद्री
हलके
से
पूर्व
गृह
राज्य
मंत्री
आईडी
स्वामी
अपने
बेटे
राजेंद्र
स्वामी
के
लिए
टिकट
की
मांग
कर
रहे
हैं।
-
पानीपत
शहर
की
सीट
पर
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेता
संजय
भाटिया
का
नाम
चर्चाओं
में
है।
-
अंबाला
शहर
में
दो
पूर्व
विधायकों
के
बीच
टिकट
को
लेकर
घमासान
है।
- अंबाला में भाजपा की विधायक रह चुकी वीणा छिब्बर टिकट की मांग कर रही हैं।