जीत के साथ ही बीजेपी ने इस रिकॉर्ड को किया है अपने नाम
सिर्फ
31
प्रतिशत
वोट्स
पूर्व
में
बहुमत
हासिल
करने
वाली
पार्टियों
के
साथ
अगर
बीजेपी
की
तुलना
की
जाए
तो
इस
बात
की
पुष्टि
अपने
आप
हो
जाती
है।
बीजेपी
को
सिर्फ
31
प्रतिशत
वोट
ही
हासिल
हो
सके
हैं।
जबकि
1967
में
जब
कांग्रेस
की
सरकार
सत्ता
में
आई
थी
तो
उसे
520
में
से
283
सीटें
हासिल
हुई
थीं
और
उसके
वोटों
का
प्रतिशत
40.8%
था।
इसका
मतलब
यह
हुआ
कि
10
वोटों
में
से
4
से
भी
कम
वोट
बीजेपी
या
एनडीए
के
खाते
में
आए
हैं।
कांग्रेस
को
मिले
19.3%
वोट्स
वहीं
अगर
कांग्रेस
की
बात
करें
तो
उसकी
स्थिति
और
भी
बुरी
नजर
आती
है।
कांग्रेस
को
सिर्फ
19.3%
प्रतिशत
वोट
ही
हासिल
हो
सके।
दिलचस्प
बात
है
कि
कांग्रेस
का
यह
वोट
प्रतिशत
वर्ष
2009
में
बीजेपी
को
मिले
वोट
प्रतिशत
से
कहीं
ज्यादा
हैं।
उस
वर्ष
बीजेपी
को
18.5%
वोट्स
हासिल
हुए
थे।
इन
आंकड़ों
में
एक
और
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
जहां
कांग्रेस
के
19.3%
वोट्स
की
वजह
से
उसे
सिर्फ
44
सीटें
हासिल
हुईं
तो
बीजेपी
को
2009
में
18.5%
वोट
की
वजह
से
116
सीटें
हासिल
हो
गई
थीं।
50
प्रतिशत
से
कुछ
ज्यादा
वोट
बीजेपी
और
कांग्रेस
के
वोट
शेयर
को
अगर
मिला
दिया
जाए
तो
50
प्रतिशत
से
कुछ
ज्यादा
ही
होता
है।
एनडीए
का
कुल
वोट
शेयर
प्रतिशत
जहां
38.5%
है
तो
वहीं
यूपीए
का
सिर्फ
23%
पर
ही
आकर
रुक
गया।
वर्ष
1989
में
नेशनल
फ्रंट
जिसमें
जनता
दल,
डीएमके,
टीडीपी
और
कांग्रेस
थे,
उसने
23.8%
के
साथ
ही
146
सीटें
जीती
थीं।
वर्ष
2004
में
कांग्रेस
ने
36
प्रतिशत
वोटों
के
साथ
220
सीटें
जीती
थीं।