हरियाणा में भाजपा में आए दलबदलुओं की दुर्गति
नई
दिल्ली(विवेक
शुक्ला)
हरियाणा
में
कांग्रेस
व
इनेलो
सहित
दूसरे
राजनीतिक
दलों
को
छोड़कर
भाजपा
में
गए
बहुत
से
नेताओं
की
दुर्गति
हो
रही
है।भाजपा
का
दामन
थामने
वाले
अनेक
नेताओं
को
पार्टी
ने
टिकट
नहीं
दिया।
इनके
अब
भाजपा
के
खिलाफ
बगावत
करने
की
पूरी
आशंका
है।
बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी तो पहले ही भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके हैं।
पूर्व मंत्री एवं जींद से भाजपा की टिकट मांग रहे बृजमोहन सिंगला ने भाजपा पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें ऐसी उम्मीद बिलकुल भी नहीं थी।
इधर, भाजपा के खुद के ही विधायक रहे नरेश मलिक को भी टिकट नहीं मिलने के कारण उनके समर्थकों में खासी नाराज़गी है। अब नरेश मलिक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी ताल ठोक सकते हैं।
कुछ बागी हरियाणा जनहित कांग्रेस के सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई व हरियाणा जनचेतना पार्टी के अध्यक्ष विनोद शर्मा के संपर्क में हैं। कुछ नेताओं द्वारा बसपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ.अरविंद शर्मा से भी संपर्क किए जाने की खबरें हैं।
पूर्व मंत्री कांता देवी झज्जर से टिकट की मांग कर रही थीं लेकिन पार्टी ने उनकी जगह कांग्रेस छोड़कर आये दरियाव सिंह राजौरा को टिकट दिया है।
पूर्व मंत्री किरपाराम पूनिया ने 14 अगस्त को महेंद्रगढ़ की रैली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में इसी उम्मीद के साथ भाजपा ज्वाइन की थी कि उन्हें चुनाव लड़वाया जाएगा लेकिन उनके मंसूबों पर भी पानी फिर गया है।
लोकसभा चुनाव में अंबाला से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे राजकुमार वाल्मीकि नीलोखड़ी से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा नहीं जताया।
उधर, भाजपा से टिकट मांग रहे पूर्व मंत्री बहादुर सिंह ने नाराज़ होकर हजकां की टिकट पर लडऩे की घोषणा कर डाली है। जानकार मान रहे हैं कि दलबदलू अब भाजपा के लिए मुसीबत बनेंगे। यह भाजपा के खिलाफ कैंपेन करेंगे।