बैंकों हड़ताल का दूसरा दिन, हाईवे पर एटीएम मशीनों में मिल सकते हैं पैसे
नई दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के विरोध और बेसिक वेतन में 10 फीसदी वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर गये बैंकों के कर्मचारियों ने देश की अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगा दिया है। साथ ही आम आदमी भी परेशान है। शहरों के अंदर एटीएम मशीनें लगभग खाली हो चुकी हैं। अगर आपको पैसे की बहुत जरूरत है, तो एक बार शहर के हाईवे पर ट्राई कर सकते हैं, शायद वहां पैसा मिल जाये, नहीं तो कल तक बैंक खुलने का इंतजार कीजिये।
देश भर की बैंकिंग सेवा ठप्प हो गई है। सरकारी बैंकों के पांच कर्मचारी संघों तथा चार अधिकारी संघों के प्रतिनिधि संगठन युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने कहा कि 27 सरकारी, 12 निजी, आठ विदेशी तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 10 लाख से अधिक कर्मचारी तथा अधिकारी सोमवार को दो दिनों की हड़ताल पर चले गए। एटीएम हालांकि चालू रहे, लेकिन देश भर में बैंकों में नकदी निकासी, जमा और चेक क्लियरेंस प्रक्रिया आंशिक तौर पर बाधित रही।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने चेन्नई से आईएएनएस से कहा, "पूरे देश में 7,40,000 करोड़ रुपये के करीब 10 करोड़ चेकों का क्लियरेंस नहीं हो पाया। चेन्नई क्लियरिंग हाउस में करीब 64 हजार करोड़ रुपये मूल्य के करीब 90 लाख चेक को क्लियर नहीं किया जा सका।"
उन्होंने कहा, "हड़ताल के मंगलवार को भी जारी रहने पर उपकरणों का मूल्य और उसकी संख्या और बढ़ सकती है।" हड़ताल के मंगलवार को भी जारी रहने पर एटीएम से नकदी खत्म हो जाने की आशंका है।
यूएफबीयू ने इससे पहले 20-21 जनवरी को हड़ताल घोषित की थी, लेकिन इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने पांच फीसदी वेतन वृद्धि की पुरानी पेशकश को बढ़ाकर 9.5 फीसदी कर दिया और इसमें और वृद्धि करने का वादा किया। इसके बाद हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था। 27 जनवरी को हुई वार्ता में आईबीए ने हालांकि इसे 9.5 फीसदी से मामूली बढ़ाकर 10 फीसदी ही किया, जिसे यूएफबीयू ने खारिज कर दिया। यूएफबीयू 30 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग कर रहा है, क्योंकि नवंबर 2012 के बाद वेतन वृद्धि नहीं हुई है।
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वेतन वृद्धि की मांग
यूएफबीयू वेतन वृद्धि की मांग के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का भी विरोध कर रहा है। इन सुधारों में शामिल है निजीकरण, विलय, निजी कंपनियों को नए बैंक लाइसेंस जारी किया जाना, बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां तथा अन्य मुद्दे।
कर्नाटक का हाल
कर्नाटक में 50 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण करीब 10 हजार बैंक शाखाओं का काम काज ठप्प रहा।
निजी बैंक खुले फिर बंद
कोलकाता में कुछ निजी बैंक शुरू में खुले थे, लेकिन हड़तालियों ने उन्हें बंद करवा दिया। लगभग सभी एटीएम के बंद हो जाने के कारण लोगों को परेशानी हुई।
कामकाज ठप
उत्तर प्रदेश में सरकारी और निजी बैंकों के लगभग 90,000 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर रहे। प्रदेश में करीब 6,000 सरकारी बैंकों में कामकाज ठप रहा। राजधानी लखनऊ में 350 शाखाओं के करीब 6,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे।
मुंबई की रफ्तार थमी
मुंबई में भी हड़ताल के कारण बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ। शहर में सरकारी, निजी, कई विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में ताले लटके रहे।
मध्य प्रदेश में व्यापार
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के सभी इलाकों के राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों का कामकाज पूरी तरह ठप्प रहा।
तमिलनाडु में एक लाख कर्मचारी
तमिलनाडु में राष्ट्रीय, निजी, विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के करीब 1,00,000 कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
बिहार का हाल
बिहार में करीब 40 हजार से ज्यादा बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।
1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान
छत्तीसगढ़ में 5 हजार बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। राजधानी रायपुर में 30 बैकों के कर्मचारियों ने पंजाब नेशनल बैंक के कार्यालय के सामने मोती बाग चौक पर प्रदर्शन किया। एक अनुमान के मुताबिक बैकों की हड़ताल से प्रदेश में करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है।