असम हिंसा: अब भी तप रहा है गोलाघाट, सरकार ने बनाई 'ज्वाइंट मैकेनिज़्म' योजना
दिसपुर। बीते दिनों से जारी असम हिंसा पर सरकार व शासन भले ही सुरक्षा व शांति की पहल कर रहा हो पर इसका असर काफी तेज गति से सामने नहीं आ रहा है। असम का हिंसा-प्रभावित गोलाघाट जिला अब भी पूरी तरह ठंडा नहीं हुआ है।
अब भी बात सामान्य नहीं-
दरअसल नगालैंड सीमा से लगे इस जिले के विवादग्रस्त नुमालीमार्ग में नैशनल हाइवे-39 को बंद करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस ने सुबह हवा में गोलियां दागीं व आंसू गैस के गोले भी प्रयोग किए।
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यहां बुधवार से लगे कर्फ्यू को तोड़ते हुए बड़े समूह ने पेड़ों की डालियां रखकर जाम करने की कोशिश की और पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर भी फेंके। हालात को देखते हुए सेना ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया।
सरकार
की
यह
योजना-
केंद्रीय
गृह
राज्य
मंत्री
किरण
रिजीजू
का
कहना
है
कि
दोनों
राज्यों
के
बीच
इस
सीमावर्ती
तनाव
को
कम
करने
के
लिए
साझा
मेकेनिजम
यानि
ज्वाइंट
मैकेनिज़्म
बनाया
जाएगा।
इसके
तहत
दोनों
राज्यों
के
सीनियर
अफसर
एक
स्थान
पर
अक्सर
मुलाकात
करेंगे।
सरकार
ने
शांति
की
पहल
तेजी
से
शुरु
की
है
पर
असर
अभी
देखने
को
नहीं
मिला
है।