अरुण जेटली जी पर्यटन की इतनी चिंता है तो IRCTC को लगाइये फटकार
बेंगलोर।
केंद्र
सरकार
क्या
वाकई
पर्यटन
को
लेकर
चिंतित
है।
यह
सवाल
इसलिए
वाजिब
है
क्योंकि
वित्तमंत्री
अरुण
जेटली
ने
रेप
की
घटनाओं
से
देश
के
पर्यटन
पर
खराब
असर
पड़ना
बताया
और
इससे
पर्यटन
से
होने
वाली
आय
में
नुकसान
पर
चिंता
जताई।
लेकिन
जिस
IRCTC
पर
सरकार
खुद
सरकारी
खजाना
लुटा
रही
है
उसकी
तरफ
एक
बार
भी
नजर
नहीं
डाली।
क्या
उन्हें
सरकार
के
अधिकार
क्षेत्र
में
आने
वाले
पर्यटन
संगठन
की
लापरवाही
की
जरा
भी
परवाह
है।
सबसे बड़ा सवालिया निशान
जहां नरेंद्र मोदी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कह रही है तो वहीं केंद्र इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी देश के पर्यटन में दिलचस्पी ही नहीं दिखा रही। आईआरसीटीसी ने सोशन नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पर्यटन से जुड़ी जानकारी युवाओं में प्रचारित करने और रेलवे टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पेज तो बना दिया लेकिन उस पर सामग्री ही नहीं डाली जाती।
जिससे आम युवा वर्ग और जरूरत मंद युवा को अपनी यात्रा स्थलों के बारे में आसानी से जानकारी मिल ही नहीं पा रही है। सवाल है कि क्या इससे पर्यटन का नुकसान नहीं होगा?। यह उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी खुद इसके पक्षधर रहे हैं कि सोशल मीडिया के जरिए जुड़कर सीधे देश के युवा समाज से जुड़ा जा सकता है और उनके संवाद कायम रखा जा सकता है। तो ऐसा क्यों कि उसी मोदीराज में पर्यटन को प्रमोट करने का जिम्मा संभाले आईआरसीटीसी ने इतनी बड़ी भूल कर दी।
जेटली साहिब इस पर क्या कहेंगे
आपको बता दें कि पर्यटन को प्रमोट करना तो दूर आईआरसीटीसी अपने फेसबुक पेज को सही तरीके से चला भी नहीं पा रही है। जबकि आईआरसीटीसी के पेज पर 11 हजार से ज्यादा लोग इसी उम्मीद के साथ जुड़े हैं कि उनको देश के सांस्कृतिक स्थलों और पर्यटन से जुड़ी जानकारी समय समय पर और विभिन्न टूर पैकेजों के बारे अवगत काराया जा सकेगा। आईआरसीटीसी ने 15 जून 2011 को फेसबुक पेज बनाया था। लेकिन ताज्जुब है कि एक साल बाद ही फेसबुक पेज पर जानकारी पोस्ट होना ही बंद हो गईं। अंतिम पोस्ट मई 2012 वर्ष की पड़ी हुई है। यही नहीं आईआरसीटीसी का ऑफिशल फेसबुक पेज भी सक्रिय नहीं है। इस पर भी वर्ष 2013 से कोई पोस्ट तक नहीं डाली गई।