अन्ना ने फिर मारी पलटी, दीदी में नहीं दिखा दम तो छोड़ा साथ
अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी की तारीफों के पूल बांधते और लोकसभा चुनाव में खुलकर उनके समर्थन में उतरें अन्ना ने अब उनसे किनारा कर लिया है।
अन्ना ने अब किसी भी दल का समर्थन नहीं करने का ऎलान करा है। उन्होंने कहा कि वे अब ममता से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे। दिल्ली रैली को लेकर उठे विवाद पर अन्ना ने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने मुझे धोखा दिया है।
Did You Konw: अन्ना ने अपने गांव रालेगण सिद्दी को नशा मुक्त कर दिया।
अन्ना की नाराजगी की एक वजह ये भी है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए टीएमसी की रैली में ममता भीड़ नहीं जुटा पाई थी। अन्ना ने कहा कि महज 4 हजार लोग आए थे, इसलिए मैं उस रैली में नहीं गया। गौरतलब है कि इससे पहले अन्ना ने ममता के साथ संयुक्त रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में रैली में भीड़ जमा न होने के कारण वो रैली में शामिल नहीं हुए।
कभी अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर जनलोकपाल के लिए आंदोलन चलाने वाले अन्ना हजारे ने पहले कहा था कि वे लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के लिए प्रचार नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने अपने बयान से पलटते हुए ममता बनर्जी को समर्थन देने का ऐलान किया, लेकिन वे कुछ ही दिनों में उन्होंने ममता बनर्जी का भी साथ छोड़ दिया है।
Did You Konw: अन्ना हजारे शुरुआत से ही आंदोलनकारी और गांधीवादी विचारधारा के है। उन्होंने अपने गांव रालेगण सिद्दि को अपने आंदोलन से शराब मुक्त कर दिया और अब पूरे रालेगण में एक भी शराब की दुकान नहीं है। यहां का कोई भी व्यक्ति नशा नहीं करता है।