मोदी को क्यों अहम मान रहा है अमेरिका
इस बैठक में विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री नृपेन्द्र मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोवाल, विदेश सचिव सुश्री सुजाता सिंह और अन्य आला अधिकारियों ने भाग लिया।
विदेश मामलों के जानकार मानते हैं कि अमेरिका की मोदी को लेकर राय में बदलाव साफ तौर पर इसलिए झलक रही है क्योंकि ओबामा प्रशासन को समझ आ गया है कि वे (मोदी) ही भारत के वर्तमान में एकछत्र नेता हैं। उनसे दूरी बनाकर दक्षिण एशिया में अमेरिका के हित नहीं साधे जा सकते।
इस बीच,मोदी के साथ बैठक में अमेरिका के दोनों मंत्रियों ने उन्हें भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के बारे में जानकारी दी। कैरी ने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को उच्च प्राथमिकता देते हैं और उम्मीद करते हैं कि सितंबर में वांशिगटन में होने वाली शिखरवार्ता में इन संबंधों को और मजबूत करने पर बल दिया जाएगा।
उधर,प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों देशों के विचार और हित साझा हैं। प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान क्षेत्रीय स्थिति, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की साझेदारी, क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ाने में भारत के प्रयास की चर्चा की।
इस बीच, कैरी ने आज ही वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी भेंट की। उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम से वक्त निकालकर दिल्ली स्थित आईआईटी कैंपस में जाकर छात्रों और अध्यापकों से भी मुलाकात की। उन्होंने छात्रों से उनकी तरफ से किए जा रहे शोध कार्यों की भी जानकारी ली।