हम 'बयानों' से खुद को बयां करते हैं, इसमें कौन सा गुनाह करते हैं
राजनीति में आदर्श के दर्शन अब कम ही होते हैं। पक्ष और विपक्ष अब इस हद तक जुबानी संघर्ष करते हैं कि मानो वे देश के लिए नहीं, सिर्फ अपने हित के लिए लड़ रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा जैसे दलों में कई चेहरे तो सिर्फ अपने बेतुके-बेहूदा बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं।
आइए स्लाइडर में मिलवाते हैं आपको उन कुख्यात चेहरों से, जो समय-समय पर बयानों के तीर छोड़ते आए हैं -
''सब के सब गधे हैं''
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की जुबान अक्सर फिसल जाया करती है। यूपी विधानसभा चुनाव में विरोधी दलों के नेताओं की तुलना गधे से करते हुए कहा, इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे की गधे.अच्छे घोड़े को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश।
दास्तान-ए-दिग्विजय
दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी में बयान देने के मामले में सबसे आगे रहते हैं। एक बार उन्होंने बाबा रामदेव को लेकर कह दिया था कि" स्वामी राम देब को पत्तथर बान्ध कर तबतक पानी में डुवोए रखना चाहिए जब तक उनके प्राण न निकल जायें"
बगावती वकील साहब
पूर्व भाजपा नेता व वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी ने एक बार कह दिया था कि 'राम एक बुरे पति थे'। उन्होंने बयानबाजी के अलावा पार्टी से बगावत करके भी खूब चर्चा बटोरी।
खुर्शीद साहब भी मचा देते हैं खलबली
सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन ट्रस्ट पर विकलागों का सरकारी पैसा खाने का आरोप लगा। वह इतने तिलमिला गए कि अरविंद केजरीवाल को अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद से न लौट पाने की धमकी दे डाली। उन्होंने तो यहा तक कह दिया कि वे खून का दरिया बहा देंगे।
बेनी बाबू का टेंपो हाई है
बेनी बाबू की जुबान भी बराबर फिसलती रहती है। कभी वे कहते हैं, सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री 71 लाख का घोटाला नहीं कर सकते, हा बड़ी रकम होती तो सोचा भी जा सकता था। तो कभी वे 2014 के आम चुनाव में यूपीए की वापसी न होने का दावा कर हलचल मचा देते हैं।
नमो भी कम नहीं
हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली के दौरान बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने मानव संसाधान राज्यमंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहकर बवाल मचा दिया।
बयान-आसन भी करते हैं बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने अमृतसर में हुए ऑपरेशन ब्लू-स्टार के लिए इंदिरा गांधी को जिम्मेदार बता दिया था। उन्होंने कहा कि 1984 में दरबार साहिब पर जो अटैक हुआ, उसका फल इंदिरा ने भोगा भी है। उन्हें उनकी करनी का फल मिल गया।
सौम्य नहीं हैं 'स्वामी' भी
सुब्रमण्यम स्वामी ने कभी कह दिया था कि आम आदमी पार्टी को आवाज.ओआरजी नाम की एक संस्था ने बड़ी फंडिंग की है. इस संस्था ने आप को चार लाख डॉलर दिए
लालू के तो क्या कहने
'गठबंधन' नहीं अब 'लठबंधन' का समय है' कहकर लालू प्रसाद यादव ने कभी राजनीति में हलचल मचा दी थी। फिलहाल उन पर चुनावी प्रतिबंध है, व आजकल वे शांत हैं।
'मुलायम' की 'सख्त' जुबान
समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के हालिया बयान से सियासत व समाज में बेहद गुस्सा है। उन्होंने हाल में ही कह दिया था कि रेप करने वालों से 'गलती' हो जाया करती है। इसके लिए उन्हें फांसी थोड़े ही दी जानी चाहिए''।