AIIMS के CVO को हटाने पर विवाद,भाजपा पर भ्रष्टाचारियों का साथ देने का आरोप
नई दिल्ली। पहले तो भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी भ्रष्ट अफसरों की लिस्ट तैयार कर लेने का दावा किया गया। यही नहीं उनको चुन-चुन कर कार्रवाई करने का भी दावा किया गया लेकिन उसी के एक दिन बाद एक ईमानदार अफसर के साथ ही ईमानदारी नहीं बरती गई। भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान में नियुक्त मुख्य सतर्कता अधिकारी को बिना किसी कारण बताए एक चुटकियों में पद से हटा दिया।
यह कैसी कार्रवाई है। इस पर हर एक सोचने पर मजबूर है। क्योंकि एम्स में सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री की रजामंदी के साथ ही की जाती है और हटाया भी रजामंदी के बाद ही जाता है।
वहीं हटाए गए अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पद से हटाए जाने के सिलसिले में जवाब चाहा है। संजीव का आरोप है कि उन्हें बिना किसी कारण बताए पद से हटा दिया गया। उनको अचानक से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लेटर पकड़ा और उनके पद से हटा देने की जानकारी दी। लेकिन यह नहीं बताया गया कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी बयान मीडिया में आया है कि एम्स में एक ही अधिकारी स्थाई नहीं रह सकता। इसलिए उन्हें हटाया गया है। संजीव की नियुक्ति एम्स में सीवीओ के रूप में जून, 2012 से जून, 2016 तक के लिए की गई थी।