थम गया सातवें दौर पर 89 सीटों के लिए होने वाला चुनाव प्रचार
नई दिल्ली। 16वीं लोकसभा की तस्वीर आने में अब सिर्फ दो दौर का फासला ही बचा है। 30 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के सातवें चरण के तहत वोट डाले जाएंगे। सातवें दौर के लिए चुनाव प्रचार सोमवार को थम गया। लोकसभा चुनावों का सांतवें दौर को अगर निर्णायक दौर कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
यह वही दौर है जिसमें नरेंद्र मोदी सोनिया गांधी, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, फारुख अब्दुल्लाह, और मुरली मनोहर जैसे दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा। इस दौर में नौ राज्यों की 89 सीटों के लिए वोटिंग होगी।
कांग्रेस और बीजेपी के साथ ही साथ यह दौर आम आदमी पार्टी के लिए भी काफी अहमियत रखता है। आम आदमी पार्टी का भविष्य कैसा होगा यह कहीं न कहीं इस दौर पर भी निर्भर करेगा क्योंकि पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल के लिए भी इसी दौर में वोटिंग होगी।
वैसे शायद आम आदमी पार्टी से ज्यादा सांतवां चरण बीजेपी और कांग्रेस के लिए कहीं ज्यादा निर्णायक साबित होने वाला है। दोनों पार्टियों की किस्मत का फैसला इसी सांतवें चरण में होगा। दिल्ली की गद्दी पर किसका राज होगा, सांतवां दौर शायद निर्णायक भूमिका अदा करने वाला है।
किन राज्यों की कितनी सीट पर वोटिंग
गुजरात-26
आंध्र
प्रदेश-17
उत्तर
प्रदेश-14
पंजाब-13
पश्चिम
बंगाल-9
बिहार-7
जम्मू
कश्मीर-1
दमन
द्वीव-1
दादरा
नगर
हवेली-1
स्लाइड्स में देखिए कि इस सांतवें दौर में किसकी किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा।
गांधीनगर की पुरानी सीट
बीजेपी के वयोवद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी गुजरात की गांधी नगर सीट से अपना एक और लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। आडवाणी के लिए गांधी नगर पिछले कई वर्षो से लकी साबित हुआ है और इस बार भी ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि शुरुआत में यह खबरें भी आई थीं कि वह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भी चुनाव लड़ सकते हैं।
वडोडरा
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी और गुजरात की वडोडरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। सांतवां दौर मोदी के साथ ही साथ पार्टी के लिए भी काफी अहम साबित होने वाला है।
रायबरेली
यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव रायबरेली से जीता था। इस बार सोनिया गांधी अपनी जीत की हैट्रिक लगाने की उम्मीद में हैं और विशेषज्ञों की मानें तो सोनिया गांधी की जीत इस बार भी तय है।
अटल की कर्मभूमि में राजनाथ
बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह इस बार लखनऊ से चुनाव मैदान में हैं। राजनाथ सिंह के मुताबिक वह लखनऊ, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की कर्मभूमि रही है, वाजपेई के सपनों को पूरा करने के लिए आए हैं। राजनाथ सिंह ने वर्ष 2009 में गाजियाबाद से लोकसभा का चुनाव जीता था।
कांग्रेस की साख
लखनऊ में कांग्रेस की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी को अगर इन चुनावों में कांग्रेस की साख कहा जाए तो गलत नहीं होगा। रीता प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा रह चुकी हैं और वर्तमान में वह कांग्रेस की विधायक हैं। वैसे रीता के लिए भी यह चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण साबित होने वाला है।
समाजवादी पार्टी का लोकप्रिय चेहरा
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले और आईआईएम अहमदाबाद में प्रोफेसर रह चुके अभिषेक मिश्रा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का एक लोकप्रिय चेहरा हैं। वर्तमान में समाजवादी सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्री का पदभार संभालने वाले अभिषेक अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में काफी बड़ी जीत दर्ज की थी।
टीवी से चुनाव का मैदान
मशहूर कलाकार और बूगी-वूगी डांस शो से टीवी की दुनिया में लोकप्रिय हुए बॉलीवुड एक्टर जावेद जाफरी लखनऊ में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। जावेद अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं और राजनाथ सिंह जैसे दिग्गजों के बीच वह किस तरह से अपना वोट बैंक हासिल करेंगे, यह देखना काफी दिलचस्प होगा।
वापस दिलाएंगे कानपुर
बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश में जितनी अहमियत वाराणसी या फिर लखनऊ की सीट की है, उतनी ही अहमियत 'पूरब का मैनचेस्टर' कहे जाने वाले कानपुर की सीट की भी है। पार्टी ने यहां से वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को टिकट दिया है। जोशी जिन्हें ब्राहृमण वोट बैंक के बीच मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के लिए पार्टी की ओर से टिकट दिया गया है, कानपुर सीट पर पार्टी के लिए बड़ी उम्मीद हैं।
भ्रष्टाचार में फंसे केन्द्रिय मंत्री
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के लिए इस बार अपनी कानपुर सीट बचाने का दबाव सबसे ज्यादा है। कोयला घोटाले के सामने आने के बाद जायसवाल यह चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इसके अलावा कानपुर की जनता में इस बात को लेकर भी काफी गुस्सा है कि जायसवाल ने विकास को किनारे कर दिया और अपने संसदीय क्षेत्र की हालत नहीं सुधार सके।
अमृतसर में बीजेपी की उम्मीद
राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली अमृतसर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जेटली राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं और उनसे पहले क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू इस सीट से पार्टी के सांसद हैं।
जेटली को चुनौती
अमृतसर सीट से कांग्रेस पार्टी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को टिकट दिया है। कैप्टन अमरिंदर लोकसभा चुनावों के दौरान वर्तमान राज्य सरकार की नाकामियों को गिना कर वोट हासिल करने के लिए जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए थे।
गुरदासपुर की जंग
पिछले कुछ वर्षों से पंजाब की गुरदासपुर से अपना लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे बॉलीवुड के वेटरेन एक्टर विनोद खन्ना एक बार फिर मैदान में हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार भी गुरदासपुर की जनता उन्हें निराश नहीं करेगी और फिर से उन्हें वोट देकर संसद पहुंचाएगी।
भरोसा जीत का
अपनी फिल्मों से दर्शकों के बीच मजबूत पहचान बन चुके परेश रावल अहमदाबाद सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। परेश नरेंद्र मोदी के बहुत बड़े फैन हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह अपना पहला लोकसभा चुनाव जरूर जीतेंगे।
कश्मीर की विरासत
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्लाह श्रीनगर सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से विशेषज्ञ उनकी जीत तय मान रहे हैं।