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200 आतंकी बाढ़ का फायदा उठाकर घुसपैठ को तैयार

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श्रीनगर। एक तरफ जहां पूरी कश्‍मीर घाटी और श्रीनगर बाढ़ से जूझ रहा था तो वहीं सीमा के उस तरफ पाकिस्‍तान से करीब 200 आतंकी देश में घुसपैठ की तैयारी में थे और वह भी भारी हथियारों से लैस होकर। इस बात की आधिकारिक पुष्टि खुद भारतीय सेना की ओर से की गई है।

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सेना की कोशिशों के बाद असफल आतंकी मंसूबे

श्रीनगर में 15 कॉर्प्‍स के जनरल आफिसर इन कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलओसी पर हथियारों से लैस करीब 200 आतंकी बाढ़ की आड़ में घाटी में घुसपैठ को तैयार बैठे थे।

उन्‍होंने बताया कि वह बाढ़ के बाद हालातों का फायदा उठाने को पूरी तरह से तैयार थे लेकिन सेना की ओर से उनके तमाम प्रयासों को पूरी तरह से असफल कर दिया गया था।

सिर्फ इतना ही घाटी में इस समय भी आतंकी सक्रिय हैं और सेना उन्‍हें कमजोर करने की हर संभव कोशिशें जारी रखे है।

नुकसान के बाद भी सेना थी चौकस

लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने बताया कि सेना को भी बाढ़ के बाद काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। कैंटोनमेंट का करीब 50 प्रतिशत हिस्‍सा पानी में डूब गया था लेकिन इसके बाद भी सेना ने सुरक्षा चक्र को कमजोर नहीं होने दिया।

साहा ने मजबूत सुरक्षा चक्र और कांउटर इंसर्जेंसी का हवाला विदेशी आतंकी उमर भट्ट की मौत के साथ दिया।

लश्‍कर के इस कमांडर को कुपवाड़ा के राजवार जंगल एरिया में सेना ने मार गिराया था। साहा ने बताया कि पिछले 10 दिनों के अंदर सीमा के उस पार से घुसपैठ के कई प्रयास किए गए हैं।

सेना की चौकसी की वजह से आतंकियों के हर प्रयास को फेल किया गया है।

लेफ्टिनेंट जनरल साहा के मुताबिक सेना ने पिछले 10 दिनों के अंदर केरन सेक्‍टर में तीन घुसपैठियों और दो घुसपैठियों को केरन सेक्‍टर में मार गिराया है।

बेसिर-पैर के आरोप

लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने इसके साथ ही उन सभी आरोपों को भी निराधार करार दिया जिसमें कहा गया था कि सेना ने सिर्फ वीवीआईपी लोगों को ही बाढ़ से बचाया है।

उन्‍होंने इस तरह की अफवाह फैलाने वाले लोगों को देश विरोधी ताकतें करार दिया। साथ ही कहा कि जिन हालातों में सेना ने काम किया उसमें इस बात का पता लगा पाना कि कौन श्रीनगर का है या कौन बाहर का है, काफी मुश्किल काम था।

सेना ने एक क्रमबद्ध तरीके से राहत कार्य को अंजाम दिया और सबसे पहले उन लोगों को बचाया गया जिन पर खतरा सबसे ज्‍यादा था।

बाहर से आए पत्‍थरबाजी में शामिल लोग

लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने कहा कि जो लोग राहत कार्यों में लगे सैनिकों पर पत्‍थरबाजी में शामिल थे, उन लोगों को उन इलाकों से बुलाया गया था जहां पर बाढ़ का असर बिल्‍कुल भी नहीं था ताकि वह और परेशानियां खड़ी कर

सकें। उन्‍होंने कहा कि वे लोग जो सबसे ज्‍यादा प्रभावित थे, वह बस अपनी जिंदगिंया बचाना चाहते थे और सेना ने उनकी जान भी बचाई।

सेना के हथियार पूरी तरह से सुरक्षित

उन्‍होंने इस बात की जानकारी दी कि बाढ़ की वजह से सेना के हथियार और गोला बारुद डिपो को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है लेकिन सेना को इन्‍हें दूसरी जगह पर ले जाना पड़ा था।

सेना की कुछ यूनिट्स को काफी नुकसान उठाना पड़ा था लेकिन हथियार और गोला बारूद पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

सेना का हैलीपैड पानी में डूबा था। राहत कार्य के लिए सेना ने सिविलियन एरिया में हैलीपैड बनाया ताकि लोगों को बचाया जा सके। सिर्फ कुछ घंटों के अंदर ही सेना ने हैलीपैड को बनाया था और जल्‍द से जल्‍द राहत कार्य शुरू किया गया।

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English summary
200 heavily armed militants waiting across the LoC to infiltrate into Indian border Indian Army officially speaks.
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