मोदी जी! 100 दिन तो होने वाले हैं पर कब बनेगा बलात्कार के खिलाफ कड़ा कानून?
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। एक सरकार (यूपीए) गई और अच्छे दिन आने का वादा कर दूसरी सरकार (एनडीए) सत्ता में आ गई। देश में हवा से बात करने वाली मेट्रो ट्रेन की बात होने लगी तो वहीं ये भी वादा कर दिया गया है कि 10 साल में सभी देशवासियों के पास अपना घर होगा। इन सबके बीच जिसपर ध्यान नहीं गया वो है मां, बहन और बेटियों की आबरू।
चुनावी मौसम में अपनी उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वह इस अवसर का इस्तेमाल करेगी। 100 दिनों का आकर्षक रिपोर्ट कार्ड पेश करने की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। इसके लिए पीएमओ ने सभी मंत्रालयों से अपना रिपोर्ट कार्ड देने को कहा है।
भारत सरकार के प्रेस सूचना विभाग के एक सूत्रों ने बताया कि अखबारों, खबरिया चैनलों और सोशल मीडिया पर सरकार बताएगी कि उसने पड़ोसी देशों से संबंधों सुधारने के लिए किस तरह के कदम उठाए, गंगा सफाई योजना के अमली जामा पहनाने के लिए अब तक क्या-क्या किया, बजट में मिडल क्लास को इनकम टैक्स में राहत दी वगैरह। मगर जो सबसे अहम बात है कि सरकार ने अबतक महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या किया है।
सरकार बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई बार मौजूदा सरकार पर हमला बोला था। नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली गैंगरेप के बाद नई दिल्ली की शीला सरकार को आड़े हाथों लिया था कि और पूछा था कि महिलाओं की सुरक्षा पर कौन सा कानून बनाया गया।
उसके बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो वो महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के लिए कड़े कानून बनाएंगे। उन्होंने ये भी वादा किया था कि इन मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जायेगा जिसके लिए कई फास्ट ट्रैक कोर्ट भी स्थापित किए जायेंगे।