मोदी सरकार का रक्षा बजट दागेगा कई बड़ी मिसाइलें!
नई दिल्ली। देश के वित्त मंत्री के अलावा अरुण जेटली पर देश के रक्षा मंत्री की भी बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में जब वह गुरुवार को संसद में बजट पेश कर रहे थे तो तमाम लोगों की नजरें उन पर लगी हुई थीं यह जानने के लिए एक वित्त मंत्री के तौर पर वह किस तरह से रक्षा मंत्री की जिम्मेदारियों को भी अंजाम देते हैं।
अरुण जेटली ने बजट में ऐलान किया कि एफडीआई की सीमा को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करा जाएगा और रक्षा बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत का इजाफा होगा।
यानी अब भारत का रक्षा बजट 2.29 ट्रिलियन रुपए होगा जबकि पिछले वर्ष भारत का बजट 2.04 ट्रिलियन था। सबसे खास बात है कि 12 प्रतिशत इजाफे के बाद भी भारत का रक्षा बजट, पड़ोसी मुल्क चीन से मीलों पीछे हैं।
इसके बाद भी उम्मीदें हैं कि 49 प्रतिशत एफडीआई के साथ ही भारत में नई टेक्नोलॉजी के आने से यहीं पर नए जेट्स और मिसाइल डेवलप हो सकेंगे और यह पड़ोसी मुल्क के लिए एक बड़ा संकेत साबित हो सकता है।
पुराने और जंग लग चुके हथियारों की जगह नए और आधुनिक हथियारों के लिए एफडीआई की दर बढ़ाए जाने की सख्त जरूरत है।
पिछले कुछ वर्षों से रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ इस बात की मांग करते आ रहे थे कि इस क्षेत्र में एफडीआई को बढ़ाए जाने पर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा।
आगे की स्लाइड्स पर क्लिक करिए और जानिए कि आखिर इस बढ़ी हुई एफडीआई दर का भारत के रक्षा क्षेत्र को क्या फायदा मिलेगा और 12 प्रतिशत इजाफे के बाद भी भारत, अमेरिका, चीन, जापान और रूस के डिफेंस बजट की तुलना में किस स्थिति पर है।
सेना को मिलेंगी नहीं राइफल्स
सेना ने 10,0 0 0 करोड़ की रकम के साथ ऐसे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है जिसके तहत वह छोटी राइफलों की रेंज को असॉल्ट राइफलों के साथ बदलने को तैयार है।
सेना को पिछले कई वर्षों से है इंतजार
सेना पिछले कई वर्षों से नई आर्टिलरी गन्स के इंतजार में है। इस माह डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की होने वाली एक अहम मीटिंग में भारत के लिए एम777 लाइट हावित्जर गन्स के सौदे को मंजूरी मिल सकती है।
अब मिल सकेंगी और सुविधाएं
भारतीय सेना इस समय नई माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को ताकतवर बनाने में लगी हुई है। इस कॉर्प्स के लिए उसे 64 ,000 करोड़ रुपए के साथ ज्यादा सैनिक और आधुनिक हथियार भी मिल सकेंगे।
इंडियन एयरफोर्स को मिलेंगे और जेट्स
फ्रांस के साथ दो वर्ष पहले हुई 20 बिलियन डॉलर की फ्रेंच कॉम्बेट जेट रफाल के सौदे में अब तेजी आने की उम्मीद नजर आती है। भारत ने ब्रिटिश जेट की जगह इस फ्रेंच जेट को तरजीह दी थी।
15 चिनहुक और 22 अपाचे हेलीकॉप्टर्स
इंडियन एयरफोर्स की ओर से 15 चिनहुक हैवीलिफ्ट और 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स की डील बोइंग कंपनी के साथ दो बिलियन डॉलर में साइन हुई है।
एयरफोर्स की बड़ी जरूरत
इंडियन एयरफोर्स की सबसे बड़ी जरूरत है हवा से हवा में ही ईधन की सप्लाई करने वाले रिफ्यूलर्स। एयरबस के साथ फिलहाल इंडियन एयरफोर्स की छह रिफ्यूलर्स की डील के लिए बातचीत जारी है।
सी-130 की संख्या बढ़ेगी
इंडियन एयरफोर्स के लिए और ज्यादा सी-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अब खरीदे जा सकेंगे।
नेवी को मिलेगी ताकत
इंडियन नेवी को नई सबमरींस, नए हेलीकॉप्टर्स, मल्टी रोल जेट्स और एंटी-सबमरींस की जरूरत तो है ही साथ ही एक नए एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत पर भी काम चल रहा है।
भारत का बजट 38.35 बिलियन डॉलर
भारत का रक्षा बजट इस समय 38.35 बिलियन डॉलर बिलियन डॉलर यानी दो लाख 2 9 हजार करोड़ है।
दुनिया का सरताज
इस समय अमेरिका दुनिया का पहला ऐसा देश है जो रक्षा बजट पर सबसे ज्यादा खर्च है। अमेरिका का रक्षा बजट इस समय 640 बिलियन डॉलर है।
भारत का चार गुना
चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट से चार गुना है। वर्तमान समय में चीन अपने डिफेंस बजट पर करीब 132 बिलियन डॉलर रुपए खर्च करता है।
भारत से दोगुना
भारत का अहम रणनीतिक साझीदार रूस इस समय करीब 69.5 बिलियन डॉलर बतौर रक्षा बजट अपने देश की सुरक्षा और सीमाओं को सुरक्षित करने में कर रहा है।