Exclusive-क्या आपको पता है मुज़फ्फरनगर की 'यह' हकीकत ?
उत्तर प्रदेश। पिछले एक साल से आप मुजफ्फरनगर में दंगे, दंगों में मुज़फ्फरनगर सुनते आ रहे हैं। कभी राजनैतिक छींटे तो कभी विकास का रोना, पर क्या आपको पता है कि मुज्फ़्फरनगर की अपनी एक छिपी हुई पहचान भी है। आइए जानें यह सच -
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस जिले को स्टेट में सर्वाधिक पर कैपिटा इनकम वाले जिले का दर्जा हासिल है। यहां के 'शामली' में एलआइसी के देश भर में सबसे ज्यादा प्रीमियम होने का रिकॉर्ड है। पिछले कई महीनों में हमने टी.वी., अखबारों में इस जिले में दहकती दंगों की लपटें महसूस कीं, पर कहीं भी यहां की खूबसूरत हकीकत से पर्दा नहीं उठाया गया।
यूपी इतना बड़ा है कि इसे दुनिया के पांचवें सबसे बड़े देश के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। सामाजिक, सांस्क्रतिक व आर्थिक पहलू के साथ यह राज्य देश का प्रधानम्रत्री चुनने में अहम भूमिका निभाता है। लोकसभा की 80 सीट्स पर हक़ जताने वाला यू.पी. किसी भी पार्टी को सड़क से संसद और संसद से सड़क तक पहुंचाने का स्टेमिना रखता है।
परिज़ात ट्री - लखनउ से लगभग 40 किमी. की दूरी पर खड़ा है परिज़ात ट्री। इस पेड़ को दुनिया के सबसे अलग-नायाब पेड़ों में गिना जाता है। यह अपने फूलों के लिए लोकप्रिय है। माना जाता है कि ये फूल दिन में कई बार रंग बदलते हैं। वहां के जानकारों का मानना है कि इस पेड़ को श्री कृष्ण स्वर्ग से ज़मीं पर अपनी दूसरी पत्नी सत्यभामा के लिए लाए थे।
आइए स्लाइडर में देखते हैं यूपी की छिपी हुई पहचान
हाईवे नेटवर्क
नेशनल हाईवे के कुल नेटवर्क में यू.पी. का 9.47 पर्सेंट शेयर है। 43 राष्ट्रीय राजमार्ग यूपी से सीधे जुड़े हुए हैं, जो इसे 9 पड़ोसी राज्यों व देश के बाकी हिस्सों से जोड़ते हैं।
सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
राज्यों की बात करें तो यूपी में 8763 किलोमीटर का देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क।
सड़कों की धुआंधार रफ्तार
यूपी में 165 किलोमीटर-यमुना ऐक्सप्रेस वे जिससे नई दिल्ली से आगरा के बीच की दूरी सिर्फ 2.5 घंटे में तय की जा सकती है।
एफ-वन ट्रैक
भारत का एकमात्र ऐफ-1 ट्रैक। नोएडा में 867 एकड़ में फैला बुद्ध इंटर्नेशनल सर्किट।
अर्थव्यवस्था में यूपी का योगदान
यूपी की अर्थ व्यवस्था 1999-2008 के बीच यूपी की इकोनॉमी दर सिर्फ 4.4 पर्सेंट पर ईयर की दर से बढ़ी, जिससे राज्य सबसे धीमे विकास करने वाले राज्यों की सूची में आ गया था। 2007-2011 में बसपा सरकार में यू.पी. ने 7 पर्सेंट की जीडीपी ग्रोथ की, वो भी ऐसे समय में, जब देश की अर्थव्यवस्था ग्लोबल रिसेशन में डूबी थी। हालांकि यूपी उन पांच प्रदेशों बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र में एक रहा है, जिसने टारगेट से बढ़कर ग्रोथ रेट दी है।
ताजनगरी आगरा और कानपुर में लैदर हब
आगरा व कानपुर - ताजनगरी का ताज पहने आगरा न सिर्फ ऐतिहासिक शहर है, बल्कि इंड्रस्ट्री का भी सरताज़ है। यह शहर लैदर इंडस्ट्रीज़ के प्रमुख शहरों में गिना जाता है। आगरा व कानपुर को मिलाकर लगभग 11, 500 यूनिट्स में यह प्रोडक्शन फैला हुआ है।
कुछ अलग पर कुछ 'सच'
जलेसर - स्विटज़रलैंड की गायों के गले में बंधीं खूबसूरत घनघनाती घंटियां अक्सर हम पिक्चर्स में देखते हैं, पर क्या आपने सोचा है कि उनकी मैन्युफेक्चरिंग कहां होती है ! आइए हम बताते हैं। अपने यू.पी. में। एटा डिस्ट्रिक के गांव जलेसर में। 40, हजार की जनसंख्या वाला यह टाउन ब्रास वेल्स के लिए मशहूर है। यहां से दुनियाभर में घंटियां निर्यात की जाती हैं।
जीडीपी में यूपी का योगदान
मौजूदा जीडीपी शेयर लगभग 8 प्रतिशत है।
प्रोडक्शन में है यूपी का दबदबा
हैडलूम, इंब्रायडिरी, टेक्सटाइल बिज़नेस यहां की शान है। यहां की सिल्क साड़ी और ज़री एंब्रायडरी बड़े स्तर पर निर्यात की जाती है। देश का 15 पर्सेंट फेब्रिक प्रोडक्शन यूपी में होता है। इस सेक्टर का ही योगदान है कि यूपी 10 करोड़ 20 लाख यूएस डॉलर प्रति वर्ष प्रोडक्शन देता है।
लैदर का गढ़
आगरा व कानपुर में कुल मिलाकर लगभग 11,500 लेदर प्रोडक्शन यूनिट्स हैं।
मेरठ सबसे बड़ा स्वर्ण बाजार
मेरठ शहर एशिया का सबसे बड़ा सोने का बाजार है। यहां से स्पोर्ट ऐक्सेसरीज़ व म्यूजि़कल इंसट्रूमेंट्स का ग्लोबल ऐक्सपोर्ट होता है।
घंटियां ही घंटियां
स्विटज़रलैंड की गायों के गले में बंधीं खूबसूरत घनघनाती घंटियां अक्सर हम पिक्चर्स में देखते हैं, पर क्या आपने सोचा है कि उनकी मैन्युफेक्चरिंग एटा के गांव जलेसर में होती है। 40 हजार की जनसंख्या वाला यह टाउन ब्रास वेल्स के लिए मशहूर है। यहां से दुनियाभर में घंटियां निर्यात की जाती हैं।
रंग बदलने वाले फूल
लखनउ से लगभग 40 किमी. की दूरी पर खड़ा है परिज़ात ट्री। इस पेड़ को दुनिया के सबसे अलग-नायाब पेड़ों में गिना जाता है। यह अपने फूलों के लिए लोकप्रिय है। माना जाता है कि ये फूल दिन में कई बार रंग बदलते हैं। वहां के जानकारों का मानना है कि इस पेड़ को श्री कृष्ण स्वर्ग से ज़मीं पर अपनी दूसरी पत्नी सत्यभामा के लिए लाए थे।