हरियाली तीज पर सज गया मेहंदी का बाजार
सावन में पटना का कोई भी ऐसा मार्केट कांप्लेक्स नहीं होता, जहां मेहंदी वाले नहीं होते। इन मेहंदी लगाने वाले डिजाइन के अनुसार अपनी-अपनी दरें रखते हैं। इन दिनों महिलाएं 50 रुपये से लेकर 400 रुपये तक (दोनों हाथ में) मेहंदी रचा रही हैं।
राजस्थानी और अरेबिक मेहंदी की डिमांड
चुन्नी लाल मेगा मार्ट के बाहर मेहंदी लगाने वाले रमेश राय बताते हैं कि यहां हर उम्र की महिलाएं मेहंदी लगवाने आ रही हैं। विभिन्न डिजायन में राजस्थानी, अरेबिक, बॉम्बे गोल्ड, सिल्वर और ब्लैक मेहंदी लगवाते हैं। शनिवार और रविवार को मेहंदी लगवाने वााली महिलाओं की संख्या बढ़ जाती है।
पटना के डाक बंगला चौराहे के मौर्या लोक कांप्लैक्स में 'अपना मेहंदी वाला' और 'राजा मेहंदी वाले' की दुकानें सजी हैं तो बेली रोड के केशव पैलेस में 'सुरेश मेहंदी वाले' और 'क्लासिक मेहंदी वाले' मेहंदी लगाने के अपने हुनर से महिलाओं को आकर्षित कर रहे हैं।
बैंगल डिजाइन का चलन
मेहंदी लगवाने आईं सोनाक्षी कहती हैं कि लड़कियां भी सावन में मेहंदी लगवाने में पीछे नहीं रहतीं। वह कहती हैं, "लड़कियां बेल डिजाइन, अरेबिक, बैंगल डिजाइन, चूड़ी डिजाइन ज्यादा पसंद कर रही हैं, जबकि विवाहिताएं राजस्थानी और दुल्हन डिजाइन पसंद कर रही हैं।"
एक और महिला अनामिका कहती हैं कि पंडितों का कहना है किसावन में हाथ सूना नहीं रखना चाहिए, यही कारण है कि वह सावन में मेहंदी लगाना नहीं भूलतीं। वह मानती हैं कि इधर कुछ वर्षो से इसका चलन काफी बढ़ गया है।
बहरहाल, सावन के महीने में जहां महिलाएं अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए मेहंदी रचा रही हैं, वहीं मेहंदी लगाने वाले भी अपनी कमाई बढ़ने से खूब खुश हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।