मैं एक मुसलमान हूं, नरेंद्र मोदी का भक्त नहीं
देश भर में नरेंद्र मोदी की लहर है। लखनऊ में भाजपा कार्यकर्ता पर्चे राजनाथ सिंह के नाम के बांट रहे हैं, लेकिन बोल रहे हैं, 'वोट फॉर मोदी'। हिन्दुओं का झुकाव हमेशा से भारतीय जनता पार्टी की तरफ रहा है, लेकिन मुसलमानों का? जी हां इस सवाल के आते ही प्रश्न चिन्ह लग जाते हैं। लेकिन यहां पर एक मुस्लिम राइटर जो नरेंद्र मोदी का भक्त नहीं है, लेकिन फिर भी वो मोदी को ही वोट देना चाहता है। नाम है अली मिर्जा, जिन्होंने अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखा है, "मेरे जैसा मुसलमान व्यक्ति मोदी को वोट क्यों देगा?"
मिर्जा ने अपनी बात को रखने के लिये सबसे पहले एक नोट लिखा कि मैं यह लेख एक मुसलमान होने के नाते लिख रहा हूं, मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए नहीं।
मिजा ने आगे लिखा कि मेरा यह प्रयास अपने दिल से निकलने वाली आवाज को शब्दों तक पहुंचाने का है। लोग यह सोच सकते हैं कि इसके पीछे कोई निजि मकसद होगा, लेकिन मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि यह वो समय है जब देश के प्रत्येक व्यक्ति को सोचना होगा कि देश की कमान किसके हाथ में देनी चाहिये, मेरी समझ से नरेंद्र मोदी ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं।
मिर्जा ने जो तर्क दिये हैं वो आप स्लाइडर में तस्वीरों के साथ देख सकते हैं-
गुजरात दंगों पर बहस करना बकवास
एसआईटी की रिपोर्ट के बाद यह कहना कि नरेंद्र मोदी मुस्लिम विरोधी हैं या फिर इस मुद्दे पर चर्चा करना अब सब बकवास है। क्योंकि एसआईटी का गठन देश के सर्वोच्च न्यायालय ने किया था।
मोदी की माफी
मोदी किस बात की माफी मांगें, माफी तभी प्रभावी मानी जाती है, जब आप वो गलती दोबारा नहीं करें। 2002 के दंगों के बाद से आज तक गुजरात में एक भी दंगा नहीं हुआ। वहीं सपा से आज तक किसी ने माफी मांगने की बात तक नहीं की, जबकि उनके शासन में अब तक 100 से ज्यादा दंगे हो चुके हैं।
अमेरिका ने वीजा नहीं दिया
यह वाकई में हास्यास्पद है। वो अमेरिका जो विश्व युद्ध के बाद से अब तक 30 देशों में बम गिरा चुका है, वो मानवाधिकार की बात कर रहा है। सच पूछिये तो अमेरिका मोदी को कभी रिश्वत नहीं दे पायेगा। क्योंकि इतनी बड़ी रकम रखने के लिये मोदी के पास स्विस बैंक अकाउंट नहीं, जबकि कांग्रेसियों में स्विस बैंक में अकाउंट होना एक फैशन है।
मोदी ने टोपी नहीं पहनी
मोदी ने टोपी नहीं पहनी तो बखेड़ा खड़ा हो गया, अब आप यह बताइये कि जितने नेताओं ने मुस्लिम टोपी पहनी वो कितने अच्छे साबित हुए। वे मुसलमानों को भारतीय समझते हैं या एलियन? मोदी एक मात्र नेता हैं जो भारतीय मुसलमानों को भारतीय के रूप में देखते हैं।
गुजरात का झूठा विकास
अगर गुजरात का विकास वाकई में झूठा है, तो अरविंद पनागारिया, जगदीश भगवती, बिबेक देवराय को क्यों नहीं दिखा। सिर्फ प्लानिंग कमीशन और अरविंद केजरीवाल को ही क्यों सारे झूठ दिखाई दिये। और मजेदार बात तो देखिये इस झूठे मॉडल को तीन बार से लगातार यहां की जनता चुन भी रही है। यह बात कुछ हजम नहीं हुई।
आरएसएस का प्रोपोगांडा है मोदी की ख्याति
यह बात सुनकर मुझे हंसी आती है, जबकि सच तो यह है कि मोदी को प्रख्यात खुद उनके विरोधियों ने बनाया। 2002 के बाद से विरोधियों ने मोदी की इतनी ज्यादा चर्चा की, कीचड़ उछाला कि जनता के मन में यह नाम घर कर गया। उन बातों में कितना सच था, कितना झूठ यह जनता ही जज करेगी।
मोदी से मैं क्या उम्मीद करता हूं
आगे की स्लाइड में आप देखेंगे कि अली मिर्जा को मोदी से क्या-क्या उम्मीदें हैं।
सत्ता का विकेंद्रीकरण
मुझे उम्मीद है कि सत्ता का विकेंद्रीकरण होगा और छोटी सरकार बनेगी।
साउदी पर निर्भरता समाप्त हो
कच्चे तेल के लिये साउदी अरब पर निर्भरता समाप्त होनी चाहिये, क्योंकि भारत के खुद के पास अच्छी मात्रा में प्राकृतिक संपदा है।
नौकरियां बढ़ेंगी
मेनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जायेगा और नौकरियां बढ़ेंगी। मीडियम लार्ज और स्मॉल इंडस्ट्रीज सब जगह।
पेट्रोल के दाम
पेट्रोल के दामों को विनियमितीकरण कर दिया जायेगा, ताकि बार-बार पेट्रोल डीजल की कीमतें नहीं बढ़ें। रियल इस्टेट में निवेश बढ़ेगा, पुलिस, न्यायालय, आदि में सुधार होगा।