कटरा रेल मार्ग की 25 किमी की दूरी पर 1132.75 करोड़ रुपए का खर्च
जम्मू। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा को रेल नेटवर्क को जोड़ने वाले लिंक का उद्घाटन कर डाला।इसके साथ ही अब माता वैष्णो देवी के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को कटरा तक जाने में काफी सहूलियतें हासिल हो सकेंगी। इस रेल नेटवर्क के साथ ही अब श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग का सहारा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वह जम्मू से सीधे ट्रेन के जरिए ही कटरा पहुंच सकेंगे। कटरा तक जाने वाला यह रेल नेटवर्क एशिया की तीसरी सबसे बड़ी पीर पंजाल सुरंग के तहत आता है। आगे की स्लाइड्स में देखिए इस रेल लिंक से जुड़ी कुछ अहम बातें।
लग गए नौ वर्ष
इस रेल लिंक को वर्ष 2005 में खोला जाना था। इसके बाद फिर इसके लिए दिसंबर 2006 का समय और फिर मई 2009 का समय तय किया गया। इस रेल मार्ग पर काम को दो वर्षों तक बंद करना पड़ गया क्योंकि इस मार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा गिर गया था। इसके बाद काम को दोबारा सितंबर 2009 में दोबारा शुरू किया गया।
10 किमी की दूरी तय कराती सुरंग
इस मार्ग में करीब सात सुरंग और 30 छोटे और बड़े पुल पड़ेंगे। 25 किमी रास्ते 10 किमी से ज्यादा की दूरी को सुरंग मार्ग से तय किया जाएगा।
53 किमी का रास्ता अब सीधे तय होगा
यहां 53 किमी का जम्मू-उधमपुर रेल मार्ग पहले ही संचालित हो रहा है। लेकिन अब कटरा के रेल नेटवर्क से जुड़ने की वजह से ट्रेनें सीधी कटरा तक जाएंगी। इससे समय और लागत दोनों की बचत हो सकेगी। कटरा भी कश्मीर रेल लिंक प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है।
इंजीनियरों की मुसीबत
उधमपुर-कटरा रेल मार्ग इंजीनियरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती था क्योंकि इस प्रोजेक्ट के दौरान कई घुमावदार रास्ते और पहाड़ थे। उन्हें काटकर यहां पर रेल नेटवर्क बिछाना इंजीनियरों के लिए मुसीबत का काम था लेकिन उन्होंने इस मुसीबत पर भी आसानी से पार पा लिया।
85 मीटर ऊंचे ब्रिज से गुजरेगी रेल
उधमपुर-कटरा सेक्शन पर 85 मीटर का ऊंचा और 3.15 लंबी सबसे लंबी सुरंग है। इस लिहाज से कटरा जाने वाले तीर्थयात्री मनोहर दृश्यों से रूबरू होते हुए कटरा तक पहुंचेंगे।
3.1 किमी लंबी टनल बनी चुनौती
इस रेल मार्ग पर रेलवे के सामने एक बड़ी चुनौती उस समय आई जब उसे 3.1 किमी लंबी टनल का निर्माण करना था।
आसानी से ट्रेनों को एकॉमोडेट कर सकेगा कटरा स्टेशन
कटरा का स्टेशन कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां पर टूरिस्ट गाइड सेंटर, क्लॉक रूम, वेटिंग हॉल, वीआईपी लाउंज, एस्कलेटर्स और लिफ्ट के साथ ही पार्किंग जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही साथ यहां स्थित चार प्लेटर्फॉर्म 26 कोच वाली ट्रेनों को आसानी से एकॉमोडेट कर सकेंगे।