छह फीट होगी हाइट तो ही मिलेगी राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड्स यूनिट में एंट्री
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। परंपरा के अनुसार जब लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार बनती है तो राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित करते हैं। जिस समय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति भवन से निकलकर संसद भवन तक जा रहे थे, सबकी नजरें उनके 'बॉडीगार्ड्स' पर ही टिकी थीं। राष्ट्रपति भवन से संसद भवन के बीच करीब 20 मिनट का रास्ता राष्ट्रपति ने अपने इन्हीं सैनिकों के साथ तय किया। आगे की स्लाइड्स में पढ़िए कि भारतीय राष्ट्रपति की सुरक्षा का बंदोबस्त और क्या है उनके बॉड्गार्डस की खूबियां।
राष्ट्रपति भवन बेस्ड यूनिट
राष्ट्रपति देश की तीनों सेनाओं आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के प्रमुख होते हैं। उनकी सुरक्षा में जो सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं उन्हें प्रेसीडेंट्स बॉडीगार्ड्स यानी पीबीजी कहते हैं। यह भारतीय सेना की घुड़सवार रेजीमेंट का हिस्सा होती है। साथ ही यह सेना की सर्वोच्च यूनिट होती है। इसका प्राथमिक रोल राष्ट्रपति की सुरक्षा करना और हर पल उनके साथ चलना है। यह यूनिट राष्ट्रपति भवन में बेस्ड होती है।
वॉरेन हेस्टिंग्स ने किया गठन
भारत में पहली बॉडीगार्ड यूनिट सन 1773 में उस समय तैयार की गई थी जब देश में यूरोपियन ट्रूप्स को र्इस्ट इंडिया कंपनी बतौर पैदल सेना भर्ती किया गया था। उस समय वॉरेन हेस्टिंग्स गर्वनर जनरल थे और उन्होंने ही सितंबर 1773 में इसका गठन किया था।
हेस्टिंग्स ने चुने थे ट्रूप्स
हेस्टिंग्स ने मुगल हाउस से 50 ट्रूप्स को इसके लिए चुना था। इसके बाद सन 1760 में सरदार मिर्जा शानबाज खान और खान तार बेग ने इसे आगे बढ़ाया।
राजा चैत सिंह ने सैनिकों की संख्या की 100
इसके बाद बनारस के राजा चैत सिंह ने इसमें 50 और ट्रूप्स को जगह दी और इसके बाद यूनिट की ताकत 100 सैनिकों की हो गई थी।
ईस्ट इंडिया कंपनी में कैप्टन
राष्ट्रपति की बॉडीगार्ड यूनिट का पहला कमांडर ब्रिटिश था और उनका नाम था कैप्टन स्वीनी टून। स्वीनी ईस्ट इंडिया कंपनी के सम्मानित सैनिक थे। उनके अलावा उनके साथ बतौर जूनियर लेफ्टिनेंट सैम्युल ब्लैक थे।
कैप्टन से लेकर पैराट्रूपर्स तक
राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात बॉडीगार्ड्स की पुरानी यूनिट में एक कैप्टन, एक लेफ्टिनेंट, चार सार्जेंट्स, छह दाफादार, 100 पैराट्रूर्प्स, दो ट्रंपटर्स और एक बग्घी चालक होता था।
जाट सिख और राजपूतों से सजी सुरक्षा
वर्तमान समय में राष्ट्रपति की सुरक्षा में जो बॉडीगार्ड्स तैनात होते हैं उनमें सेना की जाट, सिख और राजपूतों को प्राथमिकता दी जाती है। यह सैनिक हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से आते हैं।
छह फिट होनी चाहिए लंबाई
राष्ट्रपति की सुरक्षा में जो सैनिक या अफसर तैनात होते हैं उनकी लंबाई काफी मायने रखती है। अगर उनकी लंबाई छह फीट नहीं है तो फिर उन्हें मंजूरी नहीं मिलती। स्वतंत्रता से पहले यह योग्यता छह फीट तीन इंच थी।