पाक से कितने गहरे संबंध हैं उन तीन AK के जो मोदी ने बताये
आइये विस्तार से जानते हैं इन तीनों एके के बारे में-
एके 47
मोदी
का
मानना
है
कि
जब
से
जम्मू
का
मुद्दा
भारत
के
लिए
विवादास्पद
बना
है
और
इसके
कारण
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
तनाव
की
दीवार
खड़ी
है।
ऐसे
में
पाकिस्तानी
आंतकवादी
संगठन
इण्डियन
मुज्जाइदीन
हर
आतंकवादी
हमले
में
एके
47
का
इस्तेमाल
करता
है।
पाकिस्तानी
आंतकवादी
गुट
ऐसे
हथियारों
से
लैस
हैं।
यह आंतकावादी गुट इन हथियारों का प्रयोग न सिर्फ जम्मू कश्मीर में करते हैं, बल्कि इसके अलावा भी कई आंतकावादी साजिशों में इसका प्रयोग देखा गया है, जैसे कि 26/11 का हमला, अयोध्या का आंतकवादी हमला या फिदायिन संगठन द्वारा इसका प्रयोग हुआ है। भारतीय सेना ने पिछले दो दशकों में इन आंतकवादी गुटों से लगभग अस्सी हजार एके़ 47 बरामद किये हैं।
एक बडे़ स्तर पर पाकिस्तानी और अफगानी मूल के आंतकवादियों ने सोवियत संघ के खिलाफ इस हाथ का प्रयोग किया था। पाकिस्तानी आंतकवादी इस्लाम धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने के लिए और जिहादियों की संख्या बढाने के लिए इस हथियार का इस्तेमाल करते हैं और इसे चलाने का प्रषिक्षण देते हैं।
एके एंटनी
अब हम बात करते हैं एके 2 मतलब एके एंटनी के बारे में जिसे मोदी ने पाकिस्तान का प्रशंसक कहा है और इसके पीछे मोदी का तर्क भी मजबूत है। सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय चौकी पर बार बार हमला होता है और रक्षा मंत्री संसद में इस विशय पर किसी ठोस कदम को उठाने की बजाय कहते हैं कि हमला पाकिस्तानी सेना ने नहीं क्यिा बल्कि पाकिस्तानी सैनिक लिबाज़ में 20 आंतकवादियों ने भारतीय चौकी पर हमला किया तो यकीनन रक्षा मंत्री का यह बयान उन्हें षंका के कटघरे में ला खड़ा करता है कि ऐसी क्या मजबूरी है जो भारत के रक्षा मंत्री को ऐसा हास्यास्पद बयान देने पर विवष कर रही है, क्या रक्षा मंत्री इतने कमजोर हैं कि वे पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज उठाने के बजाय उसका संरक्षण कर रहे हैं।
अगस्त 2013 में जिस प्रकार पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत की सीमा का उल्लंघन हुआ और भारतीय सैनिकों पर अमर्यादित हमला हुआ, 5 सैनिकों की जान गई उस पर रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया ने उन्हें भारतीय कम और पाकिस्तानी हित में अधिक प्रतिष्ठित किया।
एके एंटनी के षासन काल में भारत की सैन्य व्यवस्था कि दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। तोपों, लड़ाकु विमानों, हेलीकोप्टरों, मिसाइलों, और पनडुब्बियों की संख्या बहुत कम है और हालत जर्जर है. इतना ही नहीं आज सेना के पास इतनी भी युद्ध की सामग्री नहीं है कि 20 दिन भी युद्ध लड़ा जा सके। आज भारत के रक्षा मंत्री भारत के रक्षकों को अर्थात सेना को ही पर्याप्त मात्रा में राशन तक नहीं दे पा रहे, ईंधन नहीं दे पा रहे, वेतन का भुगतान ठीक से नहीं कर पा रहे। इससे ज्यादा दुर्गति और क्या होगी।
दूसरी तरह नौसेना की दशा भी किसी से छुपी नहीं है। जब से एडमिरल जोशी ने आईएनएस सिंधुरत्न की दुर्घटना का जिम्मा लेते हुस्तीफा दिया है तब से भारतीय नौसेना भी नेतृत्वहीन है। अभी तक सरकार जोशी की जगह किसी नऐ ऑफीसर को तैनात तक नहीं कर पाई है।ताज़्ज़ुब की बात है आज जहां चीन और पाकिस्तान अपनी सैन्य षक्ति को निरंतर मजबूत करने में जुटे हुए हैं वहीं भारत की सैन्य षक्ति का स्तर गिरता जा रहा है। रक्षा मंत्री एके एंटनी हर कसौटी पर नाकाम साबित हुए हैं।
एके 49
आइये अब बात करते है एके49 की। वो हैं 49 दिन के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल। केजरीवाल जो खुद को जनता का एजेण्ट बताते हैं आजकल उनका अभियान युपीए के भ्रष्टाचार मुड़ कर मोदी विरोधी प्रचार बन गया है। विरोध का स्वर इतना तीव्र है कि जनाब मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़़्ने को भी तैयार हैं।
केजरीवाल ने गुजरात दौरे में जिस प्रकार मोदी विरोधी अभियान चलाया वो उनके व्यक्तित्व का अलग ही चेहरा पेष करता है. अभी तक केजरीवाल अहमदाबाद में अपनी गिरफ्तारी के लिये दोशी नरेन्द्र मोदी को बताते हैं वो षायद यह भूल गए हैं कि गिरफ्तारी का कारण चुनावी आचार संहिता का उल्लघंन है।
बहरहाल मोदी केजरीवाल को पाकिस्तान का समर्थक मानते हैं इसके पीछे भी मोदी के तर्क बेबुनयादी नहीं है। जिस प्रकार आप पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर भारत के मानचित्र को दिखाया है वो हैरान करने वाला है क्योंकि इसमें कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रुप में दिखाया गया है। इतना ही नहीं जिस प्रकार आम आदमी पार्टी के सदस्य प्रषांत भूशण ने कष्मीर के मुद्दे पर वहां की सैन्य षक्ति के मुद्दे पर स्वतंत्रता के लिए वहां के निवासियों के मतों का निरीक्षण करने की बात की कि वो कश्मीर को भारत के नियंत्रण में चाहते हैं या नहीं यह यकीनन देश के लिए एक बडे़ साम्प्रदायिक हमले को निमंत्रण देने वाली सोच है।
मोदी का मानना है कि आप पार्टी के अधिकतर सदस्य ऐसे हैं जिन्हें माओवादियों से सहानुभूति है। मेधा पाटकर, कमल मित्रा चेनायॅ और प्रषांत भूशण जैसे सदस्य इन उग्रवादियों जो कि देष की आन्तरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है इनसे विशेष सहानुभूति रखते हैं। प्रषांत भूषण तो इनके इतने हितकारी हैं कि वो इन उग्र वादियों के मत का संग्रह कराने की बात करते हैं कि इनके क्षेत्र में अर्धसैनिक बल होना चाहिये या नहीं।
आप पार्टी की कष्मीर के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की सोच ने अरविंद केजरीवाल को इतना प्रसिद्ध कर दिया है कि पाकिस्तानी वेबसाइट इनकी कायल हो गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि पाकिस्तानी सरकारी संस्थान इस विचार के प्रचार में लगी है कि केजरीवाल भारत के सामान्य जन की आवाज है। क्योंकि यह संस्थान मानते हैं कि केजरीवाल की पार्टी कष्मीर की मुक्ति के बारे मे सोचती है।
आमना शचवानी ने अफगानिस्तान टाएम्स के एक आर्टिकल जिसका शीर्शक है पाकिस्तान जिहादियों का भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी के लिए रहस्यात्मक प्यार में लिखा है मि न सिर्फ पाकिस्तान की मीडिया और नेता बल्कि खुद प्रधानमंत्री नवाज़ सरीफ कहते हैं कि केजरी कश्मीर के मुद्दे पर भारत पाकिस्तान के बेहतर संबंधों को कायम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह के कई लेख दिखाई दे रहे हैं जो केजरीवाल को कष्मीर के मुद्दे के संबंध में पाकिस्तान में प्रसिद्धि दिला रहे हैं। परन्तु केजरीवाल की यह पाकिस्तानी जन प्रसिद्धि भारत की सुरक्षा के लिए हाविकर हो सकती है।