Exclusive: कारगिल युद्ध में फोर्स को मजबूत बनाया बोफोर्स ने
द्रास से ऋचा बाजपेई। बोफोर्स तोप का नाम लेते ही अक्सर लोगों को 80 के दशक का वह घोटाला याद आता है जिसने भारतीय राजनीति को एक नया मोड़ दिया था लेकिन यही तोप एक दिन भारत के लिए विजय की नई गाथा लिखेगी कोई नहीं जानता था। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के समय जब सेना मुश्किल हालातों का सामना करने को मजबूर थी, उस समय स्वीडन की बनी यही तोप सेना के काम आई थी।
युद्ध के 15 वर्ष पूरे होने के मौके पर मुझे भी मौका मिला एक ऐसी तोप को करीब से जानने का जिसने तोलोलिंग की पहाड़ी के साथ ही द्रास सेक्टर की हर पहाड़ी में छिपे दुश्मन पर निशाना लगाया था।
तोलोलिंग में दिलायी थी विजय
कारगिल युद्ध के दौरान 12 और 13 जून को तोलोलिंग रेंज से दुश्मन को खदेड़ कर भारतीय सेना ने उस युद्ध का रुख अपनी ओर मोड़ लिया था। तोलोलिंग पर विजय पाना सेना के लिए काफी अहम था क्योंकि इस पूरी रेंज का अपना एक अलग ही रणनीतिक महत्व है। इस रेंज की आड़ में छिपकर दुश्मन सीधा सेना और उसे सप्लाई होने वाली रसद को अपना निशाना बना रहा था।
एक तरह से वह सेना के ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारकर और एनएच-1 को अपना निशाना बनाकर सेना के मनोबल को कमजोर करना चाहता था ताकि सना भारतीय कमजोर पड़ जाए और पाकिस्तान यहां पर अपना कब्जा कायम कर सके। तभी तोलोलिंग रेंज पर बोफोर्स के जरिए पाकिस्तान की सेना और आतंकियों पर निशाना साधा गया।
बोफोर्स तोपों की खास बातें तस्वीरों के साथ स्लाइडर में पढ़ें और तब आप अंदाजा लगा सकेंगे कि यह किस वजह से कारगिल युद्ध में यह काफी सफल रही।
कारगिल में हुआ इस्तेमाल
वर्ष 1999 में कारगिल वॉर के दौरान इस तोप के डेप्लॉयमेंट का फैसला इसलिए लिया गया जो महत्वपूर्ण रहा।
42 किमी तक मार करती है
इसका बैरल 70 डिग्री तक घूम सकता है और साथ ही यह 42 किमी तक दुश्मन पर सीधा वार कर सकती है।
जमीन में दुश्मन को मार गिराती है
द्रास की माउंटेन रेंज में दुश्मन का छिपना काफी आसाना है। यह जमीन के अंदर बंकर में बैठे दुश्मन को भी मार गिराती है।
कारगिल वॉर
कारगिल वॉर के समय भी दुश्मन इस तरह से छिपकर बैठा था कि उसका अंदाजा सेना को लग ही नहीं पा रहा था।
वरदान साबित हुई यह तोप
उस समय बोफोर्स का डेप्लॉयमेंट सेना के लिए वरदान की तरह साबित हुआ। इसने पाक की कई पोस्ट उड़ायीं।
बंकरों को किया ध्वस्त
कारगिल वॉर के दौरान ऐसे में सेना ने पहाड़ों के पीछे बनाई गई पाक पोस्टों और बंकरों को इसी तोप से ध्वस्त किया।
14 सेकेंड में 3 राउंड फायर
मर्सिडीज के इंजन वाली यह बोफोर्स गन 68 हॉर्सपावर से लैस है। इसमें दो इंजन हैं और हर इंजन की फ्यूल कैपेसिटी 22 लीटर है।
14 सेकेंड में तीन राउंड फायर
यह तोप सिर्फ 14 सेकेंड में तीन राउंड फायर करने वाली बोफोर्स को छोटे और संकरें रास्तों से भी ले जाया जा सकता है।