मां वर दे, वर दे... मोदी के तेवर तूफानी, राहुल में भर दे
संचालन-
हास्य
कवि
केजरीवाल
‘विकट'
अध्यक्षता
-
मीरा
कुमार
‘शर्मीली'
आमंत्रित
कवि
-राहुल
‘बेचारा',
मनमोहन
‘शांत'
नरेन्द्र
मोदी
‘चंचल'
उर्फ़
ज्वाला
गुजरातवी,
सोनिया
इतालवी,
आज़म
'बहादुर'
उर्फ़
तैश
रामपुरी,
शीला
‘देहलवी',
अन्ना
‘व्यथित',
रामदेव
‘धाँसू'
हैं।
संचालक केजरीवाल ‘विकट' मंच पर आते हैं।
"मित्रों! बोलिए। भारत माता की जय..वन्दे मातरम! मैं हूँ आपका प्रिय हास्य कवि केजरीवाल ‘विकट'। आपने मेरी तमाम कवितायें सुपर हिट कराई हैं। मेरी व्यंग्य कवितायें ‘एक थी शीला', ‘रजाई का राज' व ‘केजरी उन्चासा' जनता के बीच खासी लोकप्रिय हुईं। आपका धन्यवाद। आज पावन पर्व मूर्ख दिवस पर देश के नामी कवि हमारे बीच में हैं जो सालों से जनता को मूर्ख बनाने का दुर्गम कार्य कर रहे हैं। मैं चाहता तो अकेले ही पांच घंटे काव्य पाठ कर मूर्ख बना सकता था। परन्तु इनको बुलाना मेरी साहित्यिक मजबूरी है। तो आइये जैसा कि कवि सम्मलेन की परंपरा रही है, साहित्यिक अनुष्ठान शुरू होने से पहले हमारा मन का पवित्र होना चाहिए। तो आइये वंदना करें वोटप्रदायिनी देवी की। स्वागत करें सोनिया इतालवी का जो आपके सामने सबसे पहले वंदना प्रस्तुत करेंगी। "
सोनिया इतालवी -
‘वर
दे
वोटप्रदायिनी
वर
दे
मोदी
के
तेवर
तूफानी...
राहुल
में
भर
दे।
लोकसभा
में
डूबे
न
लुटिया
मां
तू
कुछ
ऐसा
ही
कर
दे।
वोटप्रयदायिनी
वर
दे।।'
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