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इंडिया गेट की थीम पर बना है कारगिल वॉर मेमोरियल

By Richa
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द्रास से ऋचा बाजपेई। 'जब आप घर जाएं तो लोगों को जरूर बताएं कि उनके कल के लिए हमने अपना आज कुर्बान किया है,' कारगिल के द्रास में दाखिल होते ही यह लाइनें आपको देश के लिए आज से 15 वर्ष पहले कारगिल युद्ध में शहीद हुए 500 से ज्यादा सैनिकों को याद रखने के लिए बरबस मजबूर कर देंगी।

कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिये अपनी जान कुर्बान कर देने वाले एक-एक शहीद को श्रद्धांजलि देता है यह वॉर मेमोरियल। इस युद्ध स्मृति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह इंडिया गेट की थीम पर बनाया गया है।

कारगिल युद्ध 26 जुलाई को अपने 15 वर्ष पूरे कर लेगा। जख्म अभी भरे नहीं हैं और शायद भर भी नहीं सकते हैं क्योंकि इस युद्ध में भारत ने अपने वीर सपूतों को कुर्बान कर दिया था। इस वॉर मेमोरियल से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें स्लाइड्स में पढ़ सकते हैं।

कारगिल की आखिरी जंग में मिली फतह

कारगिल की आखिरी जंग में मिली फतह

26 जुलाई को हर वर्ष कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन टाइगर हिल पर तिरंगा लहराने के साथ ही भारतीय सेना ने पाक के कब्‍जे से अपनी-अपनी एक-एक पोस्‍ट को फिर से हासिल कर लिया था। इसी जीत की याद दिलाने के लिए हर वर्ष विजय दिवस मनाया जाता है।

शहीदों की याद दिलाता वॉर मेमोरियल

शहीदों की याद दिलाता वॉर मेमोरियल

यह वॉर मेमोरियल न सिर्फ देश बल्कि द्रास के लोगों के लिए भी उन 500 से ज्‍यादा सैनिकों को अपनी यादों में ताजा रखने का एक जरिया है जिन्‍होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

फिर भी हासिल की विजय

फिर भी हासिल की विजय

द्रास दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह है और इस बात को जानकर ही आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां पर जिंदगी किस हद तक मुश्किल है। जरा सोचिए कैसे इस जगह पर हमारे वीर सैनिक अपने जान की बाजी लगाकर दुश्‍मनों को देश से बाहर खदड़ने में लगे थे।

आंखों के सामने तैर जाता है मंजर

आंखों के सामने तैर जाता है मंजर

इन वीर सपूतों की याद में ही द्रास में एक वॉर मेमोरियल बनाया गया। द्रास वॉर मेमोरियल, जहां कदम रखते ही एक साथ उन बहादुरों की यादें ताजा हो जाएंगी जिनकी वजह से भारत को उस युद्ध में विजय हासिल हुई।

जलती रहती है अमर जवान ज्‍योति

जलती रहती है अमर जवान ज्‍योति

गुलाबी रंग की इमारत में दिल्‍ली के इंडिया गेट की तर्ज पर एक अमर जवान ज्‍योति जलती रहती है और एक सिपाही 24 घंटे पहरे में लगा रहता है।

सुनहरे रंग से लिखा है एक-एक सपूत का नाम

सुनहरे रंग से लिखा है एक-एक सपूत का नाम

वॉर मेमोरियल में जहां पर अमर जवान ज्‍योति जलती रहती है वहां पर ही पीछे की ओर ही एक बड़ी सी दिवार पर आपको उन सभी शहीदों के नाम लिखे हुए मिलेंगे जिन्‍होंने देश की खातिर अपनी जान गवां दी।

तिरंगे की शान में तैनात भारतीय सेना

तिरंगे की शान में तैनात भारतीय सेना

हर एक तिरंगा हर पल लहराता है और जो इस बात का गवाह है कि कैसे भारतीय सेना उसकी आन, बान और शान में हर सेकेंड तैनात है। बताते हैं कि यह तिरंगा पूर्व सांसद नवीन जिंदल की ओर से सेना को दिया गया था।

विजय दिवस और तोलोलिंग की कहानी

विजय दिवस और तोलोलिंग की कहानी

इस वॉर मेमोरियल को नौ नवंबर 2004 को देश को समर्पित किया गया था। जहां पर तिरंगा लहराता है, उसके ठीक पीछे आपको एक तरफ विजय दिवस तो दूसरी ओर तोलोलिंग नजर आएगा।

दिल में सेना के लिए सम्‍मान

दिल में सेना के लिए सम्‍मान

पिछले कई दिनों से देश में एक वॉर मेमोरियल की बात हो रही है। सरकार की ओर से उससे जुड़ी घोषणा का ऐलान भी इस बार बजट में कर दिया गया है लेकिन द्रास का यह वॉर ऐसा वॉर मेमोरियल बन गया है जिसने युवाओं को सेना और सैनिकों के दिल में सम्‍मान जगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

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English summary
26th July Kargil Vijay Diwas and Dras war memorial remember the soldiers who gave their lives for their nation. This war memorial has been made on the theme of the India Gate.
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