क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्यों ये चिड़‍ियां अपने घौंसलों में रखती हैं सिगरेट, पढ़ें ऐसी ही 10 अटपटी बातें

By Mayank
Google Oneindia News

बेंगलोर। हम अपने बचाव के लिए बड़े से बड़े डॉक्टर का दरवाजा खटखटाते हैं। नीम-हकीमों से फरियादें करते हैं पर क्या आप जानते हैं, जिन्हें हम बेजुबान कहते हैं, वे अपनी रक्षा स्वयं करते हैं। प्रकृति के नायाब नमूने व हमारी भाषा में जानवर, अपना ख्याल खुद रखते हैं। फिर वो चाहे उनकी नैच्युरल बीमारी हो या किसी वजह से पैदा हुई तकलीफ। आइए जानें क्या कुछ करते हैं जानवर जब उन्हें महसूस होता है कोई खतरा या डर-

बंदरों को जब होता है दस्त

बंदरों को जब होता है दस्त

क्या आप जानते हैं इस एक प्रजाति के बंदर क्या करते हैं जब उन्हें दस्त, मलेरिया या परजीवियों से होने वाली कोई और बीमारी होती है? वे पेड़ों से मिलने वाली दवाओं की मदद लेते हैं। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि चिंपाजी एसपिलिया नाम का पौधा ढूंढने के लिए काफी दूर तक जाते हैं। ये पत्त‍ियां पेट खाली करने में मदद करती हैं, इनके कारण पेट के कीड़े निकल जाते हैं।

लाड़ली भेड़

लाड़ली भेड़

भेड़ के बच्चे अपनी मां की खाने पीने की आदतों पर गौर करते हैं। मादा की गतिविध‍ियां देखकर ही वे अपने लिए उत्पन्न खतरों की पहचान करते हैं व फिर एक अजीब से आवाज निकालकर खुद को व्यक्त करते हैं।

अल्कोहल

अल्कोहल

फलों पर होने वाली छोटी छोटी मक्खियां अल्कोहल की मदद से बढ़ती हैं। रत्ती भर भी खतरा महसूस होने पर मादा मक्खी अपने अंडे सड़े हुए फलों में दे देती है। इन अंडों को जब कोई दुश्मन जीव खाता है तो वह अण्डे के वाष्प और सड़न की वजह से मारा जाता है।

निकालते हैं बचने की तरकीबें

निकालते हैं बचने की तरकीबें

खूब सारे रेशों वाले इस कीड़े के पास भी दवाई है। अगर कोई दुश्मन जीव इस पर हमला कर दे तो वह ऐसे पौधे की पत्तियां खाता है, जिसमें बेसिक नाइट्रोजन परमाणु वाला रसायन अल्कोलॉयड होता है। इससे उसमें बच निकलने का तंत्र सक्रिय हो जाता है व वह तेज चलकर या उड़कर अपनी जान बचा लेता है।

तितली का कारनामा

तितली का कारनामा

तितली अंडों को बचाने के लिए रेशम के फूलों पर अंडे देती हैं। इसमें कार्डेनोलाइड नाम के स्टेरॉयड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो अंडे खाने वाले जीवों या परजीवियों के लिए जहरीला होता है!

शहद बचातीं भी हैं

शहद बचातीं भी हैं

शहद बनाने वाली मधुमक्खियां प्राकृतिक रेजिन बनाती हैं जो उनकी कॉलोनी के लिए बहुत अहम रहता है। छत्ते की खाली जगहें सील करने के लिए प्रोपोलिस बनाती हैं। इनके कारण छत्ते में बीमारियां नहीं फैलतीं। इंसान के लिए भी ये प्राकृतिक रेजिन एंटीबैक्टीरियल, दर्द और सूजन कम करने वाला होता है।

घौंसले में सिगरेट

घौंसले में सिगरेट

मेक्सिको में चिड़िया या गोरैया सिगरेट की बट के आस पास घोंसला बनाती है। निकोटीन के कारण वे कीड़ों के प्रकोप से बच जाती हैं। हालांकि शोधकर्ता यह भी कहते हैं कि इन बटों के कारण पक्षियों की सेहत पर असर होता है।

खाते हैं घास

खाते हैं घास

अगर कभी कुत्ते-बिल्ल‍ियों को घास खाते देखें, तो चौंकिएगा मत। इससे उनके पेट में गड़बड़ी कम हो जाती है. घास वैसे भी उल्टी में मदद करती है.

यह भी करता है भालू

यह भी करता है भालू

भालू कई तरह के नीलगिरी की पत्तियां और टहनियां खाते हैं। अगर कोई गलत पत्ती खा लें तो फिर बाद में वो मिट्टी खाते हैं, इससे जहरीला पदार्थ उनके शरीर में कम हो जाता है।

प्राकृतिक मॉर्टीन

प्राकृतिक मॉर्टीन

बंदरों के पास मच्छरों से बचने के लिए कोई मच्छरदानी तो नहीं इसलिए ये कीड़ों और मच्छरों से बचने के लिए ये बंदर कनखजूरे का जहर अपने शरीर पर लगाते हैं। इससे मच्छर मक्खियां दूर रहते हैं, सालों के निरीक्षण के बाद जानवरों ने ये तरीके सीखे हैं।

Comments
English summary
10 things of animal which they use to do in emergency
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X