अरविंद केजरीवाल को बुरा नहीं लगा लाली का थप्पड़
लोकतंत्र के गाल पर तमाचा रसीदने वाले लाली को तो आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने भी खूब लताड़ा लेकिन अरविंद यही कहते रहे कि 'हमें हिंसा का सहारा कभी नहीं लेना है' और यही कहते हुए वो राजघाट की ओर अपने समर्थकों के साथ चल दिए। वहां पहुंचने के बाद केजरीवाल करीब डेढ़ घंटे तक बैठे रहे और सोचते रहे...। कांग्रेस से लेकर भाजपा जैसी बड़ी पार्टियों के नेताओं से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को तमाश करने की आदत है। पहले तो वो सुरक्षा लेने से मना करते हैं और फिर हादसा होने के बाद केंद्र सरकार को दोषी ठहराते हैं।
क्या सोच रहे थे केजरीवाल...
रोड शो के दौरान जब केजरीवाल के साथ घटना हुई तो वो सीधे अपने समर्थकों के साथ राजघाट पर पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद वो करीब डेढ़ घंटे तक मौन रहे और सोचते रहे कि आखिर अब किया क्या ? लाली को तो जो करना था उसने कर दिया लेकिन अब मुझे क्या करना चाहिए...कुछ ऐसा ही सोचना था केजरीवाल का। फिलहाल डेढ़ घंटे की सोच के बाद केजरीवाल ने वही किया जो एक आदर्श राजनेता को करना चाहिए था। अगले दिन सुबह हुई और केजरीवाल ने इस बात की घोषणा की कि वे उस आदमी से मिलकर बात करेंगे और जरूरत पड़ी तो माफी भी मांगेंगे। अंतत: अरविंद सुबह अपनी गाड़ी पर बैठकर लाली से मिलकर उन्हें गुलदस्ता भेंट किए और यह भी कहा कि यदि मुझसे कोई गलती हुई है तो मुझे माफ कर दीजिए।
खिल्ली मत उड़ाओ , जरा सोचो
अरविंद केजरीवाल को तमाचा मारने की घटना के बाद अन्य राजनीतिक दलों के नेता और अन्य लोग उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। लेकिन सोचने की बात ये है कि क्या भारत का कोई नेता ऐसा है जो तमाचा मारने वाले के घर जाकर उसे गुलदस्ता भेंट करे और उससे माफी मांगे।