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दिल्ली के स्कूल में नशे का कारोबार, बच्चे ले रहे हैं खतरनाक ड्रग्स!

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नई दिल्ली। 13 सितंबर की रात दिल्ली के कालकाजी में एनआरआई अनमोल सरना की हत्या की गुत्थी तो सुलझ गई है, लेकिन अनमोल की हत्या मामले में जो खुलासा किया वो चौकाने वाला था। जांच में पता चला है कि अनमोल की मौत ड्रग्स की ओवरडोज की वजह से हुई। वो ड्रग्स जो चीन से दिल्ली इम्पोर्ट की गई थी। लगा कि अनमोल की मौत से साथ ही ये मामला सुलझ गया, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। ड्रग्स और नशे की लत में गिरफ्त दिल्ली की कहानी यहीं से शुरु हुई।

भारत के युवा वर्ग में ड्रग्स की लत हमारी सोच से कहीं अधिक गहरी जड़ें जमा चुकी है। अनमोल सरना की मौत ने इस दिशा में एक नया अध्याय खोल कर सामने रख दिया है कि घर बैठे कितनी सरलता से ड्रग्स हासिल की जा सकती है। हालात ये है कि हर रोज दिल्ली के अस्पतालों में कई मामले ऐसे आते हैं जहां छोटे-छोटे बच्चे ड्रग्स के चपेट में आकर अपनी सुध खो चुके होते हैं। न्यूज चैनल आईबीएन-7 की खबर के मुताबिक दिल्ली के हर बड़े अस्पताल में रोजाना ड्रग्स और उनसे जुड़ी बीमारियों के कम से कम 5 मामले सामने आ रहे हैं।

Drug addiction on rise among Delhi school student.

रफ्तार की राजधानी दिल्ली नशे की गिरफ्त में है। युवा ही नहीं छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं। पहले शौक और फैशन के तौर पर नशा करने वालों के लिए ये जहर कब लत बन जाती इन्हें भी नहीं पता चलता। नशे का इस्तेमाल सबसे ज्यादा 15 साल से लेकर 35 साल के लोगों में पाया गया है, लेकिन अब 10 साल तक के बच्चों में भी ड्रग्स का इस्तेमाल देखा जा रहा है। ड्रग्स की पैठ स्कूलों तक पहुंच चुकी है। उम्र के साथ ये शौक की जगह लत बनता जा रहा है।

आज के बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से वक्त से पहले ही बड़े होने लगे हैं, इसे वेस्टर्न कल्चर का असर कहें या फिर फैशन की दौड़, दिल्ली के कई टॉप स्कूलों के बच्चे, लड़के हो या लड़कियां पोर्न फिल्में देखने, ड्रग्स लेने और शराब पीने के मामले में बिल्कुल नहीं झिझकते हैं। एक निजी हैल्थकेयर कंपनी के प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख द्वारा किए एक सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पोर्न साइट देखने और उसे लेकर स्कूल में बातचीत करने के संबंध में 26 फीसदी लड़के मॉड्रेट जबकि 21 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हुए।

यह सर्वे दिल्ली के टॉप स्कूलों के एक हजार बच्चों के तकरीबन 541 लड़के और 429 लड़कियों पर किया गया। सर्वे में ज्यादातर बच्चों ने खुलेआम शराब पीने की बात कबूली। इन बच्चों ने इस बात को भी कबूला कि कभी कभार स्कूल में होने वाली पार्टियों में ड्रग्स का सेवन भी होता रहा है। करीब 36 फीसदी बच्चों ने पार्टियों में ड्रग्स लेने की बात कही। इनमें 23 फीसदी लड़के और 13 फीसदी लड़कियां शामिल थीं। शराब पीने के मामले में 22 फीसदी लड़के माड्रेट जबकि 16 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हुए। करीब 60 फीसदी बच्चों ने शराब का सेवन करने की बात खुलकर कही। सर्वे में एक और बात सामने आई जो चौंकाने वाली है। सर्वे में शामिल 13 से 17 साल की आयु के बच्चों ने इस बात को कबूला कि उन्होंने स्कूल परिसर भी कईबार धूम्रपान किया है।

क्यों लेते है ड्रग्स

ड्रग्स लेना फैशन सिबल के तौर पर ऊभर रहा है। दोस्तों और हमउम्र लोगों के जबाव में आकर। बहलावे में आकर। बदलती लाइफस्टाइल-देर रात की पार्टियां। सोशल नेटवर्किंग साइट्स और इंटरनेट का बढ़ता चलन। बच्चों के लिए मां-बाप के पास वक्त न होना। ये मुख्‍य कारण हैं।

इन सभी में जो सबसे अहम वजह सामने आ रही है वो है अकेलापन। बड़े शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास एक-दूसरे के लिए वक्त नहीं है। ऐसे में बच्चे अकेलेपन के आदी हो जाते है और अक्सर परिवार की उपेक्षा या ध्यान न देने के चलते बच्चे ड्रग्स के अंधेरे में खो जाते हैं।

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English summary
According to experts and police officers who claim that Delhi is witnessing an alarming rise in teenagers addicted to drugs. some schools in Delhi where across 25 to 30 students, who either abused drugs or were addicted to them. 
 
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