जून माह में चार महीने की गिरावट पर थोक बाजार की महंगाई दर
जिसके बाद महंगाई दर घटकर 5.43 फीसदी पर आ गई है। जबकि इसकी तुलना मई महीने के आंकड़े से की जाए तो यह गिरावट काफी हो सकती हैं। क्योंकि मई माह में थोक महंगाई दर 6.01 फीसदी पर थी।
देखिए यह सिर्फ आंकड़ो का खेल है
जून में भले ही महंगाई दर घटती हुई आंकड़ों में दिख रही हो। लेकिन मई को छोड़ दें तो अप्रेल में महंगाई दर 5.20 फीसदी थी और अब 5.43- 55 फीसदी पर है। यानी अप्रेल की दर के मुताबिक मई में घटने की बजाए थोक महंगाई दर बढ़ गई है। बस मई महीने में थोड़ा ऊपर-नीचे है।
कमजोर मॉनसून का असर महंगाई बढ़ा सकता है
महंगाई घटी जरूर है लेकिन कमजोर मॉनसून का असर आने वाले दिनों में महंगाई पर पड़ सकता है। सरकार भले खुश हो ले लेकिन आम आदमी की चिंता बरकरार है क्योंकि थोक महंगाई दर में भले ही कमी आई हो, लेकिन बाजार में सामान खरीदने जाइए तो हर चीज महंगी मिलती है।
बाजार की सच्चाई तो यह है
आलू प्याज के बाद अब टमाटर के दाम में भी आग लग गई है। 10 दिन पहले तक 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा टमाटर अब 40 से 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। थोक बाजार में भी टमाटर के दाम में भारी उछाल है। मॉनसून की बेरुखी और सूखे के आसार का असर बाजार में दिखने लगा है। गर्मी से झुलस रही जनता को महंगाई और जलाने लगी है।