अच्छे दिनों में डीजल दाम कम करके लोगों को बरगलाने की कोशिश
बेंगलोर। नरेंद्र मोदी भी अपने अच्छे दिनों के दांव भी बड़े ही सोच समझकर चल रहे हैं। सरकार बनते ही पहले तो डीजल के दाम में बढ़ोतरी करते हैं। फिर इंतजार करते हैं कि आम जनता कब इस बढ़ोतरी को भूलकर अपने रोज मर्रा के काम में व्यस्त हो जाए। फिर उसके बाद धीरे से खबर मीडिया तक पहुंचाते हैं कि सात साल बाद केंद्र सरकार पचास पैसे की कमी करने जा रही है।
दरअसल, इसे नरेंद्र मोदी सरकार का दांव की कहा जा सकता है। पहले तो सरकार बनाते ही डीजल के दाम में पचास पैसे की वृद्धि कर देना फिर कुछ दिन बाद जब आप भूल जाएं कि ऐसी कोई बढ़ोतरी की भी गई थी तो अब उसी पचास पैसे को कम करके दिखा देना। नरेंद्र मोदी सरकार ने पचास पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की थी।
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वैसे घटी तो ऐसे घटेगी महंगाई
दरअसल, ट्रक, बस से लेकर छोटे लेकिन भारी वाहनों के इंजन में डीजल का इस्तेमाल होता है। इससे खेत से लेकर मुख्य बाजार तक ढुलाई लागत में कमी आ सकती है। क्योंकि ट्रांसपोर्ट लागत थोड़ी घटेगी। जिसका असर यह होगा कि शहरी बाजार तक पहुंचते-पहुंचते पहले की तुलना में कम लागत आएगी। जिससे सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में कुछ कमी की उम्मीद की जा सकती है। क्यों..।