एफडीआई नीति में होगा बदलाव, होगी विदेशी कंपनियों की मौज
शर्मा ने एक बयान में कहा, "सरकार आने वाले सप्ताहों में एफडीआई नीति के उदारीकरण के अपने रास्ते पर बढ़ती रहेगी, ताकि भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने में अपनी अग्रणी भूमिका बनाए रखे।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने पिछले वर्ष दूरसंचार, खुदरा व्यापार और नागरिक उड्डयन सहित विविध क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों का उदारीकरण किया है। शर्मा ने कहा कि सरकार की नीति से विदेशी निवेशकों को सही संकेत गया है और पिछले कुछ महीनों में देश में विदेशी पूंजी का काफी अधिक प्रवाह बना है।
उन्होंने साथ ही कहा कि देश की औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था में आंतरिक ताकत है, जिसकी वजह से यह विदेशी दबाव से तेजी से उबर सकता है। साथ ही वित्तीय और चालू खाता के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का सकारात्मक नतीजा मिला है।"
उन्होंने कहा कि व्यापार घाटा के साल के प्रथम आठ महीने में एक साल पहले के 129 अरब डॉलर से घटकर 99.9 अरब डॉलर तक आ जाने से भरोसा फिर से मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि मौजूदा कारोबारी साल की शेष अवधि में निर्यात में काफी वृद्धि होगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।