भारत की सड़कों पर 'इंग्लिश विंग्लिश' का अनोखा नजारा
भारतीयों में अंग्रजी बोलने का क्रेज हमेशा से रहा है। लेकिन अंग्रेजी के जो उदाहरण आजकल ठेलों, सड़कों और दुकानों के बाहर दिख जाते हैं, वह हास्यापद है। हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा भले दे दिया जाए। लेकिन जनाब, उसमें अंग्रेजी बोलने जैसा मजा कहां। अब भले ही इंग्लिश बोलने और लिखने में हमसे कुछ भयंकर गलतियां ही क्यों न हो जाए।
भारत में अंग्रेजी के बढ़ते क्रेज का कुछ अनोखा अंदाज पेश किया है 'इंडियन इंग्लिश' पेज ने, जो आजकल फेसबुक और ट्विटर पर छाया हुआ है। इसमें भारत के सड़कों से कुछ ऐसे उदाहरण पेश किए गए हैं, जिसमें इंग्लिश की आत्मा मार दी गई है। साथ ही लिखने वाला क्या से क्या लिख गया ,शायद उसे खुद भी नहीं पता।
ऐसी ही कुछ तस्वीरें हम आपके सामने लाए हैं, जो अंग्रेजी के गलत प्रयोग की वजह से हास्यापद बन गया है।
यह क्या लिख डाला जनाब
इसे कहते हैं नकल के लिए भी अक्ल चाहिए। अंग्रेजी लिखने से पहले उसे सीख लेना जरूरी है।
ये भी कुछ कम नहीं
कभी कभी छोटी सी गलती भी क्या रूप ले लेती है।
बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला
लिखने वाले ने शायद लिखना चाहा था। लेकिन अनुवाद करने के चक्कर में यह क्या कर डाला।
स्पेलिंग का क्या करें !
यह अंग्रेजी लिखने की कैसी कोशिश है ?
ये सिखाएंगे अंग्रेजी
जब इंग्लिश सिखाने वाले ऐसे हों, तो फिर क्या बात है।
स्पेलिंग चेक कर लेते
एक गलत शब्द पूरी वाक्य को बिगाड़ सकता है।
यह क्या है ?
एक प्लेट में दो व्यक्ति! यहां भी लिखने वाला क्या से क्या लिख गया।
ये है सांप की दुकान
मिठाई के साथ सांप। क्या ऐसी कोई दुकान देखी है आपने।
कपड़ों की दुकान
'हेप्पीनेस' ! इस दुकान से कपड़े खरीद कर आपको जरूर खुशी होगी।
यह सैलून है?
क्या आप इस सैलून में जाना चाहेंगे? शायद कभी नहीं।
मीठे हैं आम
इसे कहते हैं व्याकरण की गलती।
हे भागवान!
एक शब्द इधर से उधर हो जाने से यह क्या बन गया जनाब।