अपने कुत्ते का रखें ध्यान, वे भी हो जाते हैं निराशावादी
कुत्ता इंसान का सबसे वफादार साथी होता है। लेकिन क्या आपका कुत्ता भी चुपचाप बैठा रहता है और उसे खाना पानी को होश नहीं रहता। यदि हां, तो आपका कुत्ता भी निराशावादी होने की ओर बढ़ रहा है। सिडनी यूनिवर्सिटी के द्वारा एक अध्य्यन में यह सामने आया है कि कुत्तों में भी सिर्फ भावनाएं नहीं होती, बल्कि वे भी वातावरण के अनुरूप आशावादी और निराशा के शिकार होते हैं।
जिस तरह आशावादी इंसान को आस पास की दुनिया अच्छी लगती है और निराश होने पर उन्हें सब खाली सा लगता है। उसी तरह की भावनाएं कुत्तों में भी होती है। यह अध्ययन कुत्तों की पर्सनालिटी टेस्ट के लिए किया गया। जिससे की कुत्तों की हालात समझकर उनका अच्छे से ख्याल रखा जा सके। रिसर्चर ने माना कि जो कुत्ते निराशावादी प्रवृति के होते हैं वे तमाम ट्रेनिंग और रिस्क लेने के उत्सुक जरूर होते हैं, लेकिन एक आशावादी कुत्ता सर्च मिशन में तेज होता है।
अध्ययन कुछ इस प्रकार का था कि कुत्तों को एक प्रकार ट्रेनिंग दी गई। जिसके हिसाब से उन्हें दो में एक घंटी की आवाज सुनकर भागना है और अपना टारगेट छूने के बाद इनाम के तौर पर उन्हें एक ड्रिंक दिया जाएगा। यहां दो तरह की घंटी की आवाजें रखी गई थी। जिनमें से एक बजने पर दूध तो दूसरी बजने पर पानी मिलता था। कुत्तों को ट्रेनिंग के अनुसार ये कई बार रिपीट किया गया। जिसमें यह तथ्य सामने आया कि जो कुत्ते खुश होते हैं या आशावादी होते वे बार बार कोशिश करते हैं कि इनाम में उन्हें दूध मिले , जबकि निराशावादी कुत्ते एक बार दूध न मिलने पर ढ़ीले पड़ जाते हैं और टास्क रिपीट तक नहीं करते।
इसमें 40 तमाम विभिन्न जाति के कुत्तों पर रिचर्स किया गया है। इस रिसर्च को करने वाले वैज्ञानिक बताते हैं कि जिन कुत्तों को शुरुआत में काफी परेशान या बुरा बर्ताव कर दिया जाता है, उनमें वक्त के साथ साथ प्यार पाने की इच्छा भी कम होती जाती है। लेकिन यहां अच्छी बात यह है कि आप कई ट्रेनिंग और अपने प्यार के जरीए अपने कुत्तों की प्रवृति बदल सकते हैं।