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शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र से मांगे 5 हजार करोड़

By Ajay Mohan
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Shivraj Singh Cahuan
भोपाल। प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओला वृषिट जनित आपदा से हुर्इ प्रदेश व्यापी रबी फसल की बर्बादी से मध्य प्रदेश का किसान बर्बाद हो गया है। राज्य सरकार ने दो हजार करोड़ रू. किसानों को राहत के लिए मंजूर किये है और युद्धस्तर पर राहत कार्य जारी है। लेकिन प्रदेश इतिहास में इस अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा के समय केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये और मध्य प्रदेश के किसानों के प्रति वेरूखी के कारण केन्द्र ने राज्य को अभी तक न तो राहत पहुंचायी और न राज्य सरकार द्वारा अपेक्षित 5 हजार करोड़ रू. के राहत पैकेज की घोषणा की।

केन्द्र सरकार मानवीय पीड़ा और प्रदेश के लाखों किसानों के मर्माघात पर जिस तरह निर्मम राजनीति कर रही है उसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश व्यापी बंद का आव्हान किया जो सभी 51 जिलों में सफल और शांतिपूर्ण रहा है। लोकतंत्र में केन्द्र का ध्यान आकर्षित करने के लिए बंद का आयोजन प्रभावी विकल्प के रूप में अखितयार किया गया।

भोपाल में आयोजित बंद के अवसर पर मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल के साथियों के साथ होटल पलाष तिराहा परिसर में उपवास पर बैठे। वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा जनता ने साथ दिया। मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को संकट की घड़ी में अकेला नहीं छोड़ा जायेगा। सरकार उनके पीछे चटटान की तरह खड़ी होगी। विकास कार्य रोकना पड़े, लेकिन किसानों को भरपूर शकित से मदद दी जायेगी। जबकि केन्द्र सरकार संकट के दौर में सियासत कर अपने संवैधानिक दायित्व से भी मुंह चुरा रही है। उन्होनें कहा कि प्रदेश बंद और उपवास का एकमात्र उददेष्य प्रदेश के किसानों की बदहाली की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।

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प्रमुख मांगे-

1. प्रदेश में हुर्इ ओलावृषिट को केन्द्र सरकार राष्ट्रीय आपदा घोषित करें।
2. ओला प्रभावित किसानों को तात्कालिक राहत के लिए केन्द्र सरकार तत्काल 5 हजार करोड़ा रू. का राहत पैकेज अविलंब दिया जाये।
3. प्रदेश के चना के उत्पादन की समर्थन मूल्य पर खरीदी 3100 रू. प्रति किवंटल के लिए केन्द्रीय एजेंसी नाफेड का मयध्प्रदेश की एजेंसी से एमओयू जारी करें।
4. फसल बीमा योजना को व्यवहारिक बनायी जाये।
5. एपीडा मध्यप्रदेश के चावल को बासमती की मान्यता दें।

मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आपरा राहत कोष की स्थापना की जाना चाहिए। मध्यप्रदेश की कृषि फसलों के लिए विपणन को केन्द्र प्रोत्साहन दें जिससे प्रदेश के बासमती चावल को मान्यता दी जाये और उत्पादक किसान प्रोत्साहित हो। मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने वाले और किसान राहत मुख्यमंत्री सहायता कोष में धनराषि देने वालों का आभार माना और कहा कि प्रदेश में उदारतापूर्वक सहयोग की गौरवपूर्ण परंपरा को प्रदेश के सरकारी चिकित्सकों, प्रदेश के कर्मचारी संगठनों और सेवा भावी संगठनों ने आगे बढ़ाया है।

डाक्टरों ने साढ़े तीन करोड़ रू. राश‍ि अर्पित कर किसानों के आंसू पोंछे है। कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देकर किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त की। नगरीय निकायों, व्यापारिक संगठनों ने भी किसानों की राहत के लिए मुक्त हस्त से मुख्यमंत्री राहत कोष में धनराषि अर्पित की।

इस अवसर पर वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर, जयंत मलैया, डा. गौरीशंकर शेजवार, गोपाल भार्गव, उमाषंकर गुप्ता, कैलाश विजयवर्गीय, डा. नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, सुश्री कुसुम मेहदेले, श्रीमती माया सिंह, श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, कुंवर विजय शाह, रामपाल सिंह, राजेन्द्र शुक्ल, गौरीशंकर बिसेन, सरताज सिंह, पारस जैन, अंतरसिंह आर्य, ज्ञान सिंह, लालसिंह आर्य, सुरेन्द्र पटवा, शरद जैन व दीपक जोशी, महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, जिला अध्यक्ष आलोक शर्मा, प्रदेश संवाद प्रमुख डा. हितेष वाजपेयी, शैलेष केसरवानी, सरिता देशपांडे, राश‍िद खान सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपसिथत थे।

Did You Know: 1956 में मध्य प्रदेश का गठन तीन राज्यों को मिला कर हुआ- विंध्य भारत, मध्य भारत और भोपाल। आजादी के पहले तमाम राजाओं के शासन के दौरान भोपाल भी एक राज्य माना जाता था।

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English summary
Madhya Pradesh chief minister Shivraj Singh Chauhan has demanded Rs. 5000 crore from central government for farmers who have suffered due to unseasonal rain.
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