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दहेज के लिए ससुराल ने ही नहीं, गांव ने भी प्रताड़ित किया, जानिए पूनम की दास्तान

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भोपाल। दसवीं सदी से इक्कीसवी सदी में भले ही हमने पेर रख दिए हों। लेकिन समाज की मानसिकता अभी भी नहीं बदली है। इसके ही एक उदाहरण के दौर पर मध्य प्रदेश के इंदौर में एक दहेज प्रताड़ना से जुड़ा केस आया है। इदौर की एक बहु को पहले तो परेशान किया गया। इसके बाद भी वह नहीं मसझी तो उसके चरित्र पर लांछन लगाए गए। इसके बाद भी दहेज की बात नहीं समझी तो उससे अग्नि परीक्षा के लिए कह दिया गया। बहु ने इससे मना किया तो अब पंचायत अपनी अदालत जमा कर बैठ गई। पंचायत ने फतवारूपी आदेश जारी किया। बहु का हुक्का पानी सब कुछ बंद कर दिया गया। मतलब उस बहु को गांव से निकाला दे दिया गया।

दरअसल, वह अभागन बहु है इंदौर की पूनम। पूनम अभी पच्चीस वर्ष की हैं। उनकी शादी इंदौर के कंजर मोहल्ला में हुई थी। मुसिबत यह थी कि ससुराल वाले उससे बार-बार दहेज के लिए कह रहे थे। उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा। लेकिन उसने हार नहीं मानी। पूनम ने हौंसला बांधा औऱ पुलिस स्टेशन में ससुराल वालों पर केस कर दिया।
पुलिस ने दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कर लिया है। पूनम कोर्ट तक गईं। न्यायाधीश रेखा आर. चंद्रवंशी ने परिवाद पर मंगलवार को अमल किया। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने पति कुणाल, सास ताराबाई, मौसी सास लीलाबाई और उसके पुत्र संदीप के खिलाफ मामले पर अगली सुनवाई तीन सितंबर तय की है।

ऐसी बहुत ही कम होती हैं

देश में ऐसी महिलाएं बहुत कम ही होती हैं जो दहेज प्रताड़ना के खिलाफ खुलकर आवाज उठा पाती हैं। कोर्ट तक जाने से डरती हैं। लेकिन भारतीय संविधान के मुताबिक देश की हर नारी को नागरिकता के तौर पर आजादी से जीने का पूरा अधिकार है। ऐसे में पूनम ने न्याय का दरवाजा खटखटा कर एक मिसाल पेश की है।

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English summary
A case of harassment of a women in Madhya Pradesh for Dowry.
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